मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग हिंसक हो गयी है। आरक्षण समर्थकों ने बीड में दो विधायकों के घरों में आग लगा दी, वहीं शरद पवार गुट की NCP का दफ्तर भी जला दिया। यही नहीं कई बसों में भी तोड़फोड़ की गयी है। बसों का हुए नुकसान को देखते हुए 30 डिपो से संचालन बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है।
इस हिंसा को देखते हुए महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे और डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने देर रात बैठक की। इससे पहले शिंदे राज भवन में राज्यपाल रमेश बैस से भी मिले थे। ऐसे में कहा जा रहा है कि राज्य सरकार जल्द ही इस पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इसधर मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच शिवसेना शिंदे गुट के दो सांसदों और भाजपा के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है।
हिंगोली से सांसद हेमंत पाटिल और नासिक के सांसद हेमंत गोडसे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस्तीफा भेज दिया है। गेवराई विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण पवार ने भी रिजाइन कर दिया है।
नगर परिषद कार्यालय में तोड़फोड़:
आरक्षण की मांग कर रहे लोगों ने माजलगांव में नगर परिषद कार्यालय में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी। जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जल गए।प्रदर्शनकारियों ने जालना के बदनापुर तहसीलदार दफ्तर को जबरन ताला लगाया और महिला तहसीलदार को बाहर निकाला। यही नहीं, लैंड रिकॉर्ड्स, नगर पंचायत, पंचायत समिति कार्यालय में भी तालाबंदी कर दी।
सीएम ने कहा मराठा आरक्षण के लिए बनेगी कमेटी:
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण मुद्दे 3 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जो राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण पर क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने को लेकर सलाह देगी। कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस संदीप शिंदे (रिटायर्ड) होंगे। शिंदे ने बताया कि मंगलवार को एक्टिविस्ट मनोज जरांगे से बात करेंगे। राज्य सरकार को कुछ वक्त की जरूरत है, उन्हें (जरांजे) भी हमें समय देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 11 हजार 530 पुराने रिकॉर्ड्स में कुनबी जाति का जिक्र है। उन्होंने 31 अक्टूबर को नए सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे। शिंदे ने ये बात तब कही, जब मराठा समुदाय कुनबी की तरह ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहा है।
अब तक 13 लोगों कर चुके हैं आत्महत्या:
मराठा आरक्षण आंदोलन महाराष्ट्र में किस स्तर पर पहुंच गया है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह आंदोलन इस साल अगस्त से ही चल रहा है और आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 11 दिनों में 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं। मालूम हो कि महाराष्ट्र में पिछले दो दशक से अधिक समय से मराठा आरक्षण की मांग उठ रही है। इससे पहले आरक्षण को लागू भी किया गया था। लेकिन बाद में कोट ने उसे असंवैधानिक करार दिया था।
अग्रणी भूमिका निभा सकें।