स्पेशल डेस्क। NDRF Foundation Day on 19th January: 19 जनवरी को एनडीआरएफ (NDRF) स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। NDRF का गठन 1954 में हुआ था और इसका कार्य सुरक्षा बलों में अद्वितीय और उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है। इस दिवस को मनाकर लोग NDRF की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान को समझते हैं। देशभर में एनडीआरएफ के 12 बटालियन और 13,000 कर्मियों की उपस्थिति के साथ, यह एक निस्वार्थ सेवा का परिचय देता है जो देशवासियों की सुरक्षा के लिए समर्थ है।
NDRF : आपदा प्रबंधन का नायक
NDRF ने अपनी स्थापना के बाद आपदा प्रबंधन में अपनी निष्ठापूर्ण सेवाएं दिखाई हैं और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक उच्च स्तर की पहचान बनाई है। 73 ऑपरेशनों में लगभग 1.3 लाख लोगों की जान बचाई और 6.7 लाख लोगों को बचाया या निकाला गया है, जिससे इसका महत्वपूर्ण योगदान साबित होता है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005
एनडीआरएफ का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत किया गया था, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपदाओं के समय प्रभावी और त्वरित प्रतिक्रिया हो सके। इस अधिनियम के परिप्रेक्ष्य में एनडीआरएफ ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के तहत अपने कार्यों को संचालित किया है और प्रभावी रूप से निर्देशित हो रहा है।
एनडीआरएफ के अध्यक्ष की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है और इसे महानिदेशक (डीजी) कहा जाता है। एनडीआरएफ के प्रमुख आईपीएस अधिकारी बनते हैं, जो आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अपने अद्वितीय अनुभव के साथ यह बल नेतृत्व करते हैं।
नागरिकों का योगदान
हालांकि नागरिकों को सीधे एनडीआरएफ में शामिल नहीं हो सकता, इसमें परमाणु, जैविक और रासायनिक आपदाओं का सामरिक जवाब देने की क्षमता होती है जो नागरिकों को भी सुरक्षित बनाए रखती है। इस बल के सदस्यों ने देश के लिए स्वार्थहीन सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित किया है।
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