सेंट्रल डेस्क: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इनमें अधिकतर पर्यटक शामिल थे। इस नृशंस घटना के दो सप्ताह बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इन ठिकानों में आतंकी हाफिज सईद और मसूद अजहर के संगठन भी शामिल थे।
भारत के हमले से घबराया पाकिस्तान, सेना अधिकारियों ने दी आतंकियों को श्रद्धांजलि
भारत के हमलों से पाकिस्तान में खौफ का माहौल है। इसी बीच एक चौंकाने वाला दृश्य सामने आया—भारतीय सेना के हमले में मारे गए तीन आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के सदस्य शामिल हुए। यह जनाज़ा मुरीदके नामक स्थान पर आयोजित किया गया, जो लाहौर से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है।
जनाजे में शामिल हुए राजनीतिक और नागरिक प्रशासन के अधिकारी
पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग के प्रवक्ता ताबिश कय्यूम ने बताया कि कारी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर की नमाज़-ए-जनाजा कड़ी सुरक्षा के बीच अदा की गई। कय्यूम स्वयं भी जनाजे में शामिल थे और उन्होंने कहा कि इसमें नागरिक प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।
भारत को धमकी देने से नहीं चूका पाकिस्तान
भारतीय कार्रवाई से बौखलाए कय्यूम ने कहा कि भारत के हमले का जवाब ज़रूर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि हमले के समय तीनों आतंकी मस्जिद के पास एक कमरे में सो रहे थे और मस्जिद पूरी तरह तबाह हो गई। बताया गया है कि ये तीनों आतंकवादी मस्जिद की देखरेख और इमामत करते थे। जनाजे के बाद उनके शव पैतृक गांवों में दफनाने के लिए भेज दिए गए।
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