पटना : बिहार की राजधानी पटना से एक सनसनीखेज आपराधिक मामला सामने आया है, जहां अपराधियों ने CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) की फर्जी टीम बनाकर जबरन वसूली और लूट की वारदातों को अंजाम दिया। यह मामला किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं लगता, लेकिन यह वास्तविकता में बिहार पुलिस के सामने उजागर हुआ है।
फर्जी CBI टीम का खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार
पटना पुलिस ने एक ऐसे संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने CBI अधिकारियों का रूप धारण कर आम नागरिकों को अपना शिकार बनाया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रितन कुमार सिंह, अरविंद कुमार और नितीश कुमार के रूप में हुई है। ये तीनों पटना के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किए गए हैं।
क्या मिला आरोपियों के पास से
पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जिसमें शामिल हैं:
दो पिस्टल और एक देसी कट्टा
तीन कारतूस
छह मोबाइल फोन
सेना की एक वर्दी
फर्जी CBI का पहचान पत्र
दो मोटरसाइकिल (एक पर फर्जी नंबर प्लेट)
हेलमेट और घटना में उपयोग किए गए कपड़े
वेब सीरीज से मिला आइडिया, जेल से रची साजिश
गिरोह के सरगना अरविंद कुमार ने पूछताछ में बताया कि उसे यह विचार एक वेब सीरीज देखकर आया, जिसमें अपराधी CBI अधिकारी बनकर वारदात करते हैं। पुलिस के अनुसार, अरविंद पहले भी रंगदारी, मारपीट और आर्म्स एक्ट के तहत जेल जा चुका है। जेल में रहते हुए ही उसने इस फर्जी CBI टीम की योजना बनाई और रिहाई के बाद साथियों के साथ मिलकर अपराध करना शुरू कर दिया।
17 हजार की जबरन वसूली से हुआ खुलासा
गिरोह का पर्दाफाश उस समय हुआ जब इन लोगों ने एसकेपुरी थाना क्षेत्र के शिवपुरी स्थित जक्कनपुर निवासी और पारले बिस्कुट कंपनी के सेल्समैन अमर कुमार से CBI अधिकारी बनकर 17,000 रुपये जबरन वसूले। पीड़ित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन अपराधियों को गिरफ्तार किया।
डीएसपी साकेत कुमार के नेतृत्व में कार्रवाई
इस मामले की जांच और गिरफ्तारी सचिवालय डीएसपी-2 साकेत कुमार के नेतृत्व में की गई। पुलिस का कहना है कि गिरोह में शामिल एक अन्य आरोपी संतोष पासवान अभी फरार है और उसकी तलाश के लिए छापेमारी जारी है।