नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तारीख बेहद नजदीक आ गई है। पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होंगे। इसके लिए दो दिन पहले यानी आज (17 अप्रैल) से चुनाव प्रचार का दौर थम गया है। देश के 21 राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों में लोकसभा चुनाव का पहला चरण होगा, जिसके तहत 102 सीटों पर मतदान होगा। इन सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा और नतीजे 4 जून को घोषित किए।
बड़े स्तर पर नहीं होंगे प्रचार (Election campaign)
21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की 102 सीटों के लिए पहले चरण में मतदान होने हैं। बुधवार शाम इन सीटों पर चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। अब इन क्षेत्रों में बड़े स्तर पर चुनाव प्रचार नहीं होंगे। हालांकि, उम्मीदवार व्यक्तिगत स्तर पर घर-घर जाकर अपने लिए वोट मांग सकते हैं। पहले चरण में 8 केंद्रीय मंत्री सहित कई दिग्गज उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस न बुलाएगा, न आयोजित करेगा, न उसमें उपस्थित होगा, न उसमें सम्मिलित होगा और न ही उसे संबोधित करेगा।
प्रथम चरण के चुनाव से संबंधित सिनेमा, चलचित्र, टेलीविजन या वैसे ही अन्य साधनों द्वारा जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेगा। निर्वाचन मशीनरी और पुलिस प्रशासन सुनिश्चित करेंगे कि सामुदायिक केंद्रों, धर्मशालाओं, गेस्ट हाऊस, लॉज, होटलों आदि में ठहरे हुए बाहरी व्यक्तियों की जानकारी और सत्यापन किया जाए। इसके अलावा बाहर से आने वाले वाहनों पर भी निगरानी रखी जाए।
कई दिग्गज नेताओं के भाग्य का होगा फैसला
उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक कई दिग्गज नेताओं के भाग्य का फैसला होना है। बीजेपी के प्रत्याशी के. अन्नामलाई, DMK प्रत्याशी कनिमोझी, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, मध्य प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ, जितिन प्रसाद , बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, अगाथा शर्मा, हनुमान बेनीवाल, चंद्रशेखर आजाद, नितिन गड़करी, अजय भट्ट, ए राजा इस दौर में शामिल हैं।
चुनाव अभियान में क्या रहा मुख्य मुद्दा
कांग्रेस ने अपना चुनाव अभियान मुख्य रूप से 2 मुद्दों-महंगाई एवं बेरोजगारी तथा अपने चुनाव घोषणा पत्र ‘न्याय पत्र’ पर केंद्रित किया। पार्टी ने इस घोषणा पत्र में 30 लाख रिक्त सरकारी पद भरने, MSPकी कानूनी गारंटी का वादा किया है। बीजेपी ने तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मुद्दों पर कांग्रेस पर हमला बोला। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र और प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को लेकर भी प्रचार किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य नेताओं ने कई चुनावी सभाएं कीं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया और कई रैलियां कीं। उन्होंने दौसा में रोड शो भी किया।
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