रांची/Sita Soren Joins BJP: पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (Sita Soren Joins BJP) की प्राथमिक सदस्यता और केंद्रीय महासचिव समेत सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया। इसके साथ ही सीता सोरेन ने विधानसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया। अब सीता सोरेन ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
इसके साथ ही इस बात की संभावना भी बढ़ गई है कि दुमका लोकसभा सीट से भाजपा अपने उम्मीदवार को बदल सकती है। नई दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में विनोद तावड़े और लक्ष्मीकांत दीक्षित की मौजूदगी में सीता सोरेन को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई।
सीता सोरेन ने कही ये बात (Sita Soren Joins BJP)
भाजपा में शामिल होने के बाद सीता सोरेन ने कहा, “मैंने 14 साल तक पार्टी (जेएमएम) के लिए काम किया लेकिन मुझे कभी भी पार्टी से वह सम्मान नहीं मिला, जिसकी मैं हकदार थी। इस वजह से मुझे यह फैसला (बीजेपी में शामिल होने का) लेना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा जी और अमित शाह जी पर भरोसा रखते हुए मैं आज भाजपा में शामिल हो गई हूं। हमें झारखंड और अपने आदिवासी भाइयों की जिंदगी को बचाना है। झारखंड में बदलाव की जरूरत है।”
सपना रह गया था अधूरा
सीता सोरेन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का तेजी से विकास हो रहा है, इसी दृष्टिकोण से आज भाजपा में शामिल हो रही हूं। उन्होंने कहा कि 14 वर्षों तक जेएमएम में रहने के बावजूद कई सपने अधूरे रह गए। अलग झारखंड राज्य बनाने में उनके पति दुर्गा सोरेन का बड़ा योगदान रहा, वे झारखंड को विकसित राज्य के रूप में देखना चाहते थे, लेकिन वो सपना अधूरा रहा, इसलिए उन्होंने भाजपा में आने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि वो बड़ी मकसद और बड़ी लड़ाई के लिए भाजपा में शामिल हो रही हैं।
किस बात को लेकर निराश हैं सीता सोरेन
सीता सोरेन ने कहा कि उनको उम्मीद थी कि समय के साथ स्थितियां बदलेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा को मेरे पति ने अपने त्याग और समर्पण, नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था। आज वह पार्टी नहीं रही। पार्टी उन लोगों के हाथों में चली गई, जिन लोगों के नजरिये और उद्देश्यों से हमारे आदर्श मेल नहीं खाते।’
गौरतलब है कि 31 जनवरी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद चंपाई सोरेन, जिन्हें ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता है, मुख्यमंत्री बने। माना जा रहा है कि सीता सोरेन पार्टी के इस फैसले से नाराज थीं और वह नहीं चाहती थीं कि चंपाई झारखंड के CM बनें।
जेएमएम सांसद हैं हैरान
सीता सोरेन के भाजपा में शामिल होने पर जेएमएम सांसद महुआ माजी का कहना है, “हम सभी हैरान हैं। हमें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। लेकिन, पार्टी अभी संकट के दौर से गुजर रही है। इसलिए, मुझे लगता है कि सभी को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए।
यह हमारी पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, चुनाव नजदीक हैं। हमारी पार्टी मजबूत है। लोगों को यह गठबंधन पसंद है। हेमंत सोरेन शिबू सोरेन के मार्गदर्शन में काम किए और अब उनके अधूरे काम को चंपाई सोरेन पूरा कर रहे हैं। तो ये अंतिम व्यक्ति के लिए भी अच्छा संदेश है। लोग चाहते हैं कि एक बार फिर जेएमएम और गठबंधन की सरकार बनी रहे। ऐसे फैसले जल्दबाजी में लिए जाते हैं।”
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