सेंट्रल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी की यात्रा को सुगम बनाने के लिए रोपवे प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। अब कटरा में इसके खिलाफ तीन दिन से चल रहा प्रदर्शन उग्र हो गया है। सोमवार को प्रदर्शन इतना उग्र हो गया कि प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस घटना में एक एसएचओ समेत कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है। पथराव में कटरा के एसएचओ चमन गोरख घायल हुए हैं। सोमवार को यानि प्रोटेस्ट के चौथे दिन भी प्रदर्शनकारी लगातार सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता के नेतृत्व में प्रदर्शन
जम्मू श्राइन बोर्ड प्रशासन के रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर बीते तीन दिनों से प्रदर्शनकारी अलग-अलग जगहों पर अपना विरोध जता रहे है। सोमवार को माता वैष्णो देवी विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे भूपेंद्र सिंह जोक ने अपने नेतृत्व में करीब 2000 मजदूरों के साथ रोपवे के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पुलिस की एक न सुनी और आगे बढ़ते चले गए। इस हिंसक झड़प में सीआरपीएफ की गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई है।
प्रदर्शनकारी को समझाने की कोशिश
पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, तो भीड़ ने एसएचओ को खदेड़ना शुरू कर दिया। इसमें एसएचओ चमन गोरख के साथ-साथ कई अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। इसके बाद वहां पुलिस प्रशासन के अलावा सीआरपीएफ की 6 बटालियन को भी मौके पर तैनात किया गया है। फिलहाल प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश जारी है।
पुलिस कर रही स्थिति को संभालने की कोशिश
रियासी के एसएपी परमवीर सिंह ने बताया कि बीते तीन दिनों से विरोध शांतिपूर्ण रूप से चल रहा था और हम उसे संभाल भी रहे थे। आज उनमें से कुछ ने सुरक्षा बलों पर पथराव कर दिया। हांलाकि हम स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे है। जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। दुकानदारों एवं मजदूरों ने रविवार को मजिस्ट्रेट ऑफिस और शालीमार पार्क (जहां आने वाले श्रद्धालुओं का शिविर है) के बाहर धरना दिया। दुकानदारों की संयुक्त समिति ने 72 घंटे की हड़ताल को 24 घंटे और बढ़ा दिया है और कहा है कि हम फिर आएंगे और भविष्य की कार्रवाई की घोषणा करेंगे।
क्या है मामला
बता दें कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा 12 किलोमीटर ट्रैक के साथ ताराकोटे मार्ग से लेकर सांजी छत तक रोपवे परियोजना को आगे बढ़ाने की घोषणा की गई थी। इस परियोजना की लागत 25 करोड़ रुपए है। इस घोषणा के बाद से ही स्थानीय लोगों, जिसमें खच्चर पालक, दुकानदार व पालकी मालिक भी शामिल है, का प्रदर्शन शुरू हो गया। 22 नवंबर से जारी इस प्रदर्शन के दौरान ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। साथ ही खच्चर और पालकी वालों ने भी तीर्थयात्रियों को सेवाएं उपलब्ध नहीं कराई। इससे कई लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा।
क्या कहा श्राइन बोर्ड ने
पिछले सप्ताह ही श्राइन बोर्ड द्वारा बहुप्रतीक्षित रोपवे परियोजना को क्रियान्वित करने की घोषणा की गई। बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने इस रोपवे परियोजना को गेम चेंजर बताया। पहले भी ऐसे ही विरोध प्रदर्शन के कारण परियोजना को रोका जा चुका है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इससे पर्यावरण और उनकी आजीविका दोनों पर ही बुरा प्रभाव पड़ेगा।

