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राहुल गांधी का लोकसभा अध्यक्ष के खिलाफ लगाया आरोप, कहा- ‘मुझे बोलने नहीं दिया’

राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि यह सदन चलाने का तरीका नहीं है। उन्होंने आगामी महा कुम्भ मेला और बढ़ती बेरोजगारी की समस्या पर बोलने का प्रयास किया लेकिन उन्हें बार-बार रोका गया।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सदन में सांसदों को मर्यादा बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ‘माननीय सदस्य गण आप सबसे अपेक्षा की जाती है कि आप सब सदन के उच्च मापदंड को बनाए रखें। सदन में मेरे संज्ञान में ऐसी कई घटनाएं है, जब माननीय सदस्यों के आचरण सदन के उच्च मापदंडों के अनुकूल नहीं है।’ उन्होंने कहा कि विशेष रूप से नेता प्रतिपक्ष से यह उम्मीद की जाती है।

अधिनायकवादी तरीके से चलाया जा रहा सदन: राहुल गांधी
इसके बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है और सदन को “अधिनायकवादी तरीके” से चलाया जा रहा है। यह टिप्पणी तब की गई जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने उन्हें सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सदस्यों द्वारा पालन किए जाने वाले कार्यवाही के नियमों का पालन करने को कहा। यह स्पष्ट नहीं था कि अध्यक्ष ने यह टिप्पणी क्यों की।

बोले राहुल-अध्यक्ष ने मेरे ऊपर टिप्पणी की
गांधी ने कहा कि अध्यक्ष ने उनके बारे में टिप्पणी की और फिर उन्हें बोलने का अवसर दिए बिना सदन को स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया। कांग्रेस के लगभग 70 लोकसभा सांसदों, जिनमें लोकसभा के उपनेता गौरव गोगोई, पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के लोकसभा में व्हिप मणिकम टैगोर शामिल थे, ने लोकसभा अध्यक्ष से मिलकर गांधी को सदन में बोलने का “अवसर न दिए जाने” का मुद्दा उठाया।

कहा- मुद्दों को उठाने से मुझे रोका गया
गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, “मुझे नहीं पता क्या चल रहा है… मैंने (स्पीकर से) कहा कि मुझे बोलने दें, लेकिन वह बस भाग गए और मुझे बोलने नहीं दिया। यह सदन चलाने का तरीका नहीं है।” सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, गांधी ने बताया कि उन्होंने आगामी महा कुम्भ मेला और बढ़ती बेरोजगारी की समस्या पर बोलने का प्रयास किया लेकिन उन्हें बार-बार रोका गया। “मैंने कुछ नहीं किया, मैं चुपचाप बैठा था। फिर भी, जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने से रोका जाता है। यहां लोकतंत्र के लिए कोई जगह नहीं है।”

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