पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दृष्टिगत कांग्रेस नेता राहुल गांधी का आज का पटना दौरा राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। राहुल गांधी इस दौरे में बापू सभागार में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करेंगे और इसके बाद सदाकत आश्रम (प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय) में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। इस दौरे को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या राहुल गांधी का यह दौरा बिहार के महत्वपूर्ण राजनीतिक चेहरों, खासकर लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के साथ किसी मुलाकात का संकेत देगा, जिससे INDIA गठबंधन का भविष्य तय हो सके।
पटना दौरे के साथ बढ़ा राजनीतिक उत्साह
राहुल गांधी का पटना दौरा किसी बड़े राजनीतिक निर्णय का संकेत हो सकता है, खासकर इस समय जब विपक्षी INDIA गठबंधन के भीतर तनाव और मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं। राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद इस शहर में फिर से सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले उन्होंने जून 2023 में महागठबंधन की बैठक में भाग लिया था। अब एक साल बाद उनका यह दौरा एक नए राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा कर रहा है।
आरजेडी और कांग्रेस : गठबंधन की पुरानी दोस्ती, पर नए सवाल
राहुल गांधी और आरजेडी के बीच संबंध लंबे समय से जटिल रहे हैं, हालांकि कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन 2000 के बाद से चल रहा है। यूपीए-1 में लालू यादव का महत्व रहा है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद इन दोनों दलों के रिश्तों में थोड़ी खटास आ चुकी है। यह सवाल उठने लगा है कि क्या बिहार में कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव में भी एकजुट रहेगा या फिर मतभेद बढ़ेंगे।
हाल ही में, जब आरजेडी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया, तो यह कदम विपक्षी INDIA गठबंधन के भीतर मतभेदों को और बढ़ाने वाला था। तेजस्वी यादव का बयान भी इस ओर इशारा करता है कि इंडिया गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए था, जिससे बिहार में महागठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे थे।
क्या राहुल और लालू की होगी मुलाकात
राहुल गांधी के पटना दौरे पर, कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर का कहना है कि राहुल गांधी संविधान सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने आ रहे हैं और सदाकत आश्रम में कार्यकर्ताओं से मिलने का कार्यक्रम भी तय है। हालांकि, राठौर ने यह भी कहा कि राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव के बीच मुलाकात की संभावना कम है, क्योंकि उनके कार्यक्रम बहुत ही संक्षिप्त हैं।
आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने भी इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि राहुल गांधी लालू से मिलना चाहते हैं तो वह मिल सकते हैं, लेकिन इस दिन आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है, जिससे दोनों नेताओं की मुलाकात मुश्किल हो सकती है।
गठबंधन की स्थिति और भविष्य
वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय के अनुसार, बिहार में कांग्रेस और आरजेडी के बीच अब पहले जैसी दोस्ती नहीं रही। लोकसभा चुनाव के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की मजबूती पर सवाल उठने लगे थे और बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दल अपने-अपने राजनीतिक हितों के लिए बार्गेनिंग कर रहे हैं।
पांडेय का मानना है कि राहुल गांधी और लालू यादव के बीच पहले जो नजदीकी दिखती थी, वह अब बदल चुकी है। यह बदलाव बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि दोनों दल अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे से रणनीतिक रूप से काम कर सकते हैं।
राहुल गांधी का पटना दौरा न केवल कांग्रेस और आरजेडी के बीच गठबंधन की संभावनाओं का मूल्यांकन करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे इंडिया गठबंधन के भविष्य को भी प्रभावित कर सकता है। बिहार में इस गठबंधन की मजबूती या कमजोरी के बारे में राहुल गांधी और लालू यादव के बीच संपर्क का निर्धारण आगामी चुनावी समीकरणों को बदल सकता है। हालांकि, इस दौर में लालू और राहुल के बीच मुलाकात की संभावना कम दिख रही है, लेकिन यह दौरा आगामी राजनीतिक घटनाक्रमों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।