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‘विजय 69’ Review- सपनों को जीने की इस कहानी में इमोशनल करते हैं अनुपम खेर,

Vijay 69 Review: अनुपम खेर की फिल्म ’विजय 69’ हाल ही में Netflix पर रिलीज हुई है। दमदार अभिनय के लिए पहचाने जाने वाले एक्टर की इस मूवी का पढ़ें रिव्यू...

by Neha Verma
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फिल्मविजय 69
डायरेक्टरअक्षय रॉय
कास्टअनुपम खेर, चंकी पांडे, मिहिर आहूजा, सुलगना पाणिग्रही
स्टार रेटिंग★★★

“69 का हूं तो क्या सुबह उठकर अखबार पढूं, वॉक पर जाऊं, दवाइयां खाकर सो जाऊं और एक दिन मर जाऊं?” उकतायी आवाज में विजय मैथ्यू (अनुपम खेर) अपनी बेटी से कहते हैं। वह ट्रायथलॉन पूरा करने वाले सबसे उम्रदराज एथलीट का रिकार्ड बनाना चाहते हैं। लेकिन इस ट्रायथलॉन और उनके इस सपने के बीच कई बाधाएं हैं। कुछ शारीरिक, कुछ सामाजिक तो कुछ मानसिक। क्या सभी बाधाओं को पार करते हुए, और सभी की उम्मीदों से भी आगे बढ़कर विजय अपने सपने को पूरा कर पाएंगे?

कहानी

69 वर्षीय विजय मैथ्यू अपनी जिंदगी सामान्य तरह से जी रहे होते हैं, जब एक अप्रत्याशित घटना घटती है और जिंदगी के प्रति उनकी पूरी सोच ही बदल जाती है। बेपरवाह और बेफिक्र मैथ्यू को इस बात की चिंता सताने लगती है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कुछ भी खास अचीव नहीं किया है, लिहाजा उनकी मौत के बाद, लोगों के पास उन्हें याद रखने के लिए कोई खास बात नहीं होगी। इसी डर से निकलने के लिए वो कई तरह की योजना बनाने लगते हैं, जिससे वो प्रसिद्धि कमा सकें। लेकिन बात नहीं बनती है। एक दिन उन्हें पता चलता है कि शहर में ट्रायथलॉन होने वाला है। जिसमें शामिल है 1.5 किलोमीटर की स्वीमिंग, 40 किमी साइक्लिंग और 10 किमी रनिंग। कभी नेशनल लेवल के तैराक रहे विजय को यहां एक मौका दिखता है। वो ट्रायथलॉन पूरा करने वाले सबसे उम्रदराज एथलीट का रिकार्ड बनाना चाहते हैं। लेकिन उनके इस फैसले में उनके परिवार का सपोर्ट उन्हें नहीं मिलता है। परिवार के अलावा भी विजय के सामने कई तरह के रोड़े आते हैं- शारीरिक, मानसिक, सामाजिक। ऐसे में क्या विजय का सपना अधूरा रह जाएगा? या वो सभी बाधाओं का पार कर रिकॉर्ड बना पाएंगे? पूरी फिल्म इसी फिलोसॉफी के इर्द- गिर्द घूमती है कि- “सपनों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती।”

निर्देशन और परफॉमेंस

फिल्म का लेखन और निर्देशन अक्षय रॉय ने किया है, जिन्होंने इससे पहले ‘मेरी प्यारी बिंदू’ जैसी दिल छूने वाली फिल्म बनाई है। विजय 69 यूं तो हल्फी फुल्की फिल्म है, लेकिन यहां भी निर्देशक पटकथा में संवेदनशीलता बनाकर रखते हैं। कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जो उम्र को अपनी महत्वाकांक्षाओं की सीमा नहीं बनने देता। मैथ्यू का किरदार जिद्दी बूढ़े का है, लेकिन किरदार में कहीं फूहड़पन नहीं है। फिल्म का मूल संदेश दिल छूने वाला है। साथ ही कुछ कॉमेडी और इमोशनल मोमेंट्स भी हैं, जो आपको याद रह जाते हैं। लेकिन पटकथा में एक बड़ी कमी है कि कहानी में कहीं भी कोई हाई प्वॉइंट नहीं है। कह सकते हैं कि शुरु से अंत तक कहानी सपाट चलती है। लिहाजा, किरदार या उनकी परिस्थितियां लंबे समय तक प्रभावित नहीं कर पाती हैं। साथ ही फिल्म में अच्छे संगीत की कमी खलती है।

हालांकि, कहानी में जो कमी है, वो सभी के परफॉमेंस से कुछ हद तक पूरी हो चुकी है। विजय मैथ्यू के रोल में अनुपम खेर ने बेहतरीन काम किया है। खास बात है कि रियल लाइफ में भी अनुपम खेर ने 2024 में अपने 69 वर्ष पूरे किये हैं। साथ ही फिल्मों में 40 साल। उनका ये अनुभव उनके किरदारों में भी दिखता है। स्क्रीन पर वो काफी सहज दिखते हैं। वहीं, इस फिल्म चंकी पांडे के साथ उनकी केमिस्ट्री काफी अच्छी लगी है। चंकी विजय मैथ्यू के दोस्त के रोल में हैं, जो हर मोड़ पर उन्हें सपोर्ट करता है। वहीं, विजय के एक यंग दोस्त के रूप में मिहिर आहूजा ने भी अच्छा काम किया है। जोया अख्तर की फिल्म आर्चीज के बाद, मिहिर को इस कहानी में देखना दिलचस्प रहा। विजय की बेटी के रोल में सुलगना पाणिग्रही भी ध्यान खींचती हैं।

नेटफ्लिक्स पर रिलीज

‘विजय 69′ अक्षय रॉय द्वारा लिखित और निर्देशित और मनीष शर्मा द्वारा निर्मित है। अनुपम खेर अभिनीत यह फिल्म एक सपने को पूरा करने के जुनून और दृढ़ता की कहानी है। इस slice-of-life फिल्म को आप 8 नवंबर से नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर सकते हैं। हमारी ओर से

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