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Guru Purnima 2024 : गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को, जानिए इसके महत्व के बारे में

by Rakesh Pandey
Guru Purnima 2024
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धर्मकर्म डेस्क: Guru Purnima 2024 :  हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक माना जाता है गुरु पूर्णिमा का पर्व। यह दिन गुरु की पूजा और उनका सम्मान करने के लिए समर्पित होता है, जो ज्ञान और आत्मज्ञान के मार्ग पर व्यक्तियों का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि रविवार 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी।

Guru Purnima 2024 :  इस बार पड़ रहा सर्वार्थ सिद्धि योग

गुरु पूर्णिमा इस साल रविवार 21 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। ऐसा माना जाता है कि इस योग में गुरु की पूजा से हर तरह के सिद्धियों की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। रविवार 21 जुलाई को पूरे दिनभर सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। वहीं भारत में इस दिन को बहुत श्रद्धा- भाव से मनाया जाता है। धार्मिक शास्त्रों में भी गुरु के महत्व को बताया गया है। गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि गुरु ही भगवान तक पहुंचने का मार्ग बताते हैं।

Guru Purnima 2024 :  व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का पर्व

हिन्दू धर्म में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा पर्व गुरुजनों को समर्पित है।

Guru Purnima 2024 :  अपने गुरु का पूजन करेंगे शिष्य

इस पावन दिन शिष्य अपने गुरु देव का पूजन करेंगे। वहीं जिनके गुरु नहीं है वे अपना नया गुरु बनाएंगे। पुराणों में कहा गया है कि गुरु ब्रह्मा के समान है और मनुष्य योनि में किसी एक विशेष व्यक्ति को गुरु बनाना बेहद जरुरी है। क्योंकि गुरु अपने शिष्य का सृजन करते हुए उन्हें सही राह दिखाता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने ब्रह्मलीन गुरु के चरण एवं चरण पादुका की पूजा अर्चना करते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन अनेक मठों एवं मंदिरों पर गुरुओं की पूजा-अर्चना की जाती है।

Guru Purnima 2024 : दान के पुण्य का है विशेष महत्व

ये भी मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा से ही वर्षा ऋतु का आरंभ होता है और आषाढ़ मास की समाप्ति होती है। साथ ही इस दिन को स्नान और दान का भी विशेष पुण्य मिलने वाला भी बताया गया है।

Guru Purnima 2024 : क्या है पूर्णिमा की तिथि?

हिन्दू पंचाग के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को शाम 5:09 मिनट से शुरू होगी। हालाकि जो अगले दिन 21 जुलाई को दोपहर बाद 3:56 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी।

Guru Purnima 2024 : क्यों मनाते हैं गुरु पूर्णिमा का पर्व?

भारतीय संस्कृति में गुरु देवता को तुल्य माना गया है। वहीं गुरु को हमेशा से ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान पूज्य माना गया है। वेद, उपनिषद और पुराणों का प्रणयन करने वाले वेद व्यास जी को समस्त मानव जाति का गुरु माना जाता है। महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 ई. पूर्व में हुआ था। उनके सम्मान में ही हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। वहीं कहा जाता है कि इसी दिन व्यास जी ने शिष्यों एवं मुनियों को सर्वप्रथम श्री भागवत पुराण का ज्ञान दिया था। इसीलिए यह शुभ दिन व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।

Guru Purnima 2024 :  यह भी जानें

पुराणों के कहा गया है कि गुरु के बिना एक शिष्य के जीवन का कोई अर्थ नहीं है। रामायण से लेकर महाभारत तक गुरु का स्थान सबसे महत्वपूर्ण और सर्वोच्च रहा है। गुरु की महत्ता को देखते हुए ही महान संत कबीरदास जी ने लिखा है कि गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाये, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो मिलाये। यानि एक गुरु का स्थान भगवान से भी कई गुना ज्यादा बड़ा होता है।

Guru Purnima 2024 : कौन थे महर्षि वेदव्यास

गुरु पूर्णिमा का पर्व महार्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वेदव्यास ऋषि पराशर के पुत्र थे। शास्त्रों के अनुसार महर्षि व्यास को तीनों कालों का ज्ञाता माना जाता है। महार्षि वेद व्यास के नाम के पीछे भी एक कहानी है। माना जाता है कि महार्षि व्यास ने वेदों को अलग-अलग खण्डों में बांटकर उनका नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद रखा। साथ ही वेदों का इस प्रकार विभाजन करने के कारण ही वह वेद व्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए।

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