धर्म-कर्म डेस्क: माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानि पांचवी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी, बुधवार यानि आज मनाई जा रही है। बसंत पंचमी से बसंत ऋतु का आरंभ भी होता है। धार्मिक मान्यतानुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती अवतरित हुई थी।
ज्योतिष के मुताबिक, बसंत पंचमी का दिन काफी शुभ माना जाता है इसलिए इस दिन को काफी शुभ माना जाता है। इस दिन पीले रंग का वस्त्र पहनकर पूजा करना भी शुभ होता है।
सरस्वती पूजा पर अक्षर ज्ञान का प्रारंभ
जो लोग अपने शिशुओं का अक्षर ज्ञान प्रारंभ कराना चाहते हैं, उन लोगों के लिए भी शुभ समय सुबह 07:01 बजे से शुरू हो चुका है। सरस्वती पूजा के समय में आपको यह कार्य कर लेना चाहिए।
Saraswati Puja: शुभ और रवि योग में होगी सरस्वती पूजा
सरस्वती पूजा पर दो शुभ योग बन रहे हैं। शुभ योग सुबह से लेकर शाम 07:59 बजे तक रहेगा, वहीं रवि योग 10:43 एएम से 15 फरवरी को सुबह सात बजे तक है।
बसंत पंचमी पर स्नान के बाद पीले रंग के वस्त्र पहनें
शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती को हल्दी अवश्य अर्पित करें और उस हल्दी से अपनी पुस्तक पर को अपनी पुस्तकों पर ‘ऊं’ भी लिखें। कलम, दवात और वाद्य यंत्रों की पूजा भी करें। इस दिन बच्चे की जिह्वा पर शहद से ऊं लिखना चाहिए। मान्यता इससे बच्चा ज्ञानवान होता है, जल्दी बोलता है, शिक्षा जल्दी ग्रहण करने लगता है।
पीले रंग का फूल है विशेष
Saraswati Puja में माता सरस्वती को पीले रंग के फूल अर्पित करें। इसके अलावा हलवा, खीर या बेसन के लड्डू चढ़ाएं। मां सरस्वती की स्तुति करें, अंत में आरती कर गरीबों में अन्न, वस्त्र, किताबें बांटें। ऐसा माना जाता है कि मां सरस्वती की पूजा से ज्ञान व यश में वृद्धि होती है।
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