देवघर: Trikut Ropeway दुर्घटना 10 अप्रैल 2022 को हुई थी और हादसे के 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी रोपवे सेवा शुरू नहीं हुआ, जिसके कारण स्थानीय लोगों को तकलीफ हो रही है। देवघर में रोपवे रोजगार का मुख्य साधन है और आसपास के दुकानदार, फोटोग्राफर, टूरिस्ट गाइड आदि सभी की जिंदगी पर रोपवे शुरू न होने के कारण नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
रोपवे को लेकर जब स्थानीय लोगों से संपर्क किया गया, तो सभी ने एक सुर में त्रिकुट रोपवे को दोबारा शुरू करने की मांग की। सभी का कहना था कि रोपवे बंद होने के कारण स्थानीय लोगों का जीवन कष्टप्रद हो गया है और आजीविका के अभाव में भूखे मरने की नौबत आ गई है।
Trikut Ropeway : 20 हजार से भी ज्यादा लोगों का रोजगार प्रभावित
त्रिकुट पर्वत के आसपास के करीब 20 हजार लोगों का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिले थे। रोपवे बंद होने से 10 फीसदी लोग ही त्रिकुट पर्वत पर पहुंच पा रहे हैं। इसे अलावा राज्य सरकार को भी सालाना लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। रोपवे से रोजी-रोटी का जुगाड़ करने वाले आज भी रोपवे के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं।
इस मामले में रोपवे संचालन करने वाली दामोदर रोपवे से संपर्क किया गया, तो कंपनी ने बताया कि माननीय झारखंड उच्च न्यायालय ने सुओ मोटो मामला दर्ज करके झारखंड टूरिज्म एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया था।
कंपनी के द्वारा जेटीडीसी को समस्त जानकारी उपलब्ध करा दी गई है और तकनीकी समिति ने जेटीडीसी को सौंपी रिपोर्ट में भी माना है कि ये विरल में से भी विरलतम (रेयरेस्ट ऑफ रेयर) मामला है और सभी तरह की नॉर्मल टेस्टिंग से भी स्टील निर्माण की अवस्था में हाइड्रोजन इंक्लूजन पकड़ में नहीं आ सका, जो कि हादसे का कारण बना। इसके अतिरिक्त टेंशनिंग, ग्रीस आदि से संबंधित सभी जवाब रोपवे कंपनी की तरफ से जेटीडीसी को उपलब्ध करा दिए गए हैं।
कंपनी अपने खर्चे पर रोपवे का संचालन दोबारा शुरू करने को तैयार है और इस आशय की जानकारी भी कंपनी ने कॉर्पोरेशन को लिखित में दी है। जेटीडीसी द्वारा अन्य बकाया के संबंध में भी कंपनी ने विस्तृत जवाब दिया है और अब माननीय उच्च न्यालय के आदेश की प्रतीक्षा है।
दामोदर रोपवे कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने हादसे में मृत 3 लोगों के परिवार को 25-25 लाख रुपए का भुगतान मानवीय आधार पर हादसे के एक सप्ताह के अंदर ही कर दिया था। ध्यान रहे कि उक्त 3 में से 2 लोगों की मृत्यु इंडियन एयर फोर्स द्वारा एयर लिफ्ट करने के दौरान हुई थी ।
अब नहीं चल रही दुकानदारी
स्थानीय दुकानदार सुरेश कहते हैं, रोपवे चालू रहने से सालों साल पर्यटक आते थे। अब स्थिति यह है कि किसी भी दिन एक भी पर्यटकों की गाड़ी त्रिकुट में नहीं लगती है। दुकानदारी नहीं चलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है। अब तो लोगों को कर्ज लेना पड़ रहा है। हालांकि, अब भी रोपवे चालू होने का इंतजार है।
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