RANCHI: राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में शनिवार 13 सितंबर को जीबी की बैठक होगी। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और संसाधनों की व्यवस्था को लेकर जीबी 60वीं बैठक रिटायर्ड जस्टिस की निगरानी में होगी। शायद यह पहला मौका है जब रिम्स जीबी की बैठक की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस करेंगे। बता दें कि ये बैठक झारखंड उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका में पारित आदेशों के आलोक में आयोजित की जा रही है। इसमें हॉस्पिटल की व्यवस्था में सुधार के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन का प्रस्ताव भी लाया जाएगा। इस समिति में देश के नामी मेडिकल संस्थानों से विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक सलाहकार समिति गठित करने का प्रस्ताव है। जिससे कि हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधारने में मदद मिलेगी।
लंबे समय से नहीं हुई थी बैठक
रिम्स में लंबे समय से गवर्निंग बॉडी की मीटिंग नहीं हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री और डायरेक्टर के बीच टकराव की स्थिति में खामियाजा मरीज भुगत रहे थे। इतना ही नहीं किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा तक नहीं हो पा रही थी। वहीं कई प्रस्ताव पिछली बैठक में पास कराए गए थे उसका भी अनुपालन नहीं कराया गया। जिससे कि हॉस्पिटल का कामकाज भी प्रभावित हो रहा था।
पीआईएल पर लगातार हुई सुनवाई
रिम्स की अव्यवस्था को लेकर 2018 में अपर बाजार के ज्योति शर्मा ने पीआईएल दायर किया था। इसके बाद से कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इसबार कोर्ट ने रिम्स को लेकर लगातार सुनवाई की और वकीलों की एक टीम को हॉस्पिटल का निरीक्षण करने को भेजा। टीम ने निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी। इसके बाद कोर्ट ने 8 से 14 सितंबर के बीच जीबी की बैठक कराने का आदेश दिया। वहीं इसके लिए हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस अमरेश्वर सहाय को आब्जर्वर बनाया गया है।
क्या है जीबी का प्रमुख एजेंडा
- चिकित्सा संवर्ग, वरीय रेजीडेंट/ट्यूटर, तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने पर चर्चा होगी।
- पूर्व की बैठकों में प्रस्तावित नए विभागों के लिए आवश्यक पदों का सृजन और मंजूरी एजेंडे में शामिल है।
- मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक मशीनों, उपकरणों, दवाइयों, सर्जिकल सामग्री और केमिकल की खरीद पर निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में 166.30 करोड़ की खरीद प्रक्रिया चल रही है, जबकि 282.77 करोड़ की योजना भविष्य के लिए बनाई गई है।
- रिम्स परिसर में जर्जर भवनों की मरम्मत, नए भवनों के निर्माण और जलजमाव तथा पेयजल आपूर्ति की समस्या के स्थायी समाधान हेतु प्रस्तावों पर विचार होगा।
- ट्रॉमा सेंटर और सेंट्रल इमरजेंसी सेवाओं में सुधार के लिए विशेष प्रस्ताव लाए जाएंगे।
- रिम्स में कार्यरत डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने और बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने का निर्णय लिया जा सकता है।
- पीआईएल के तहत उच्च न्यायालय द्वारा गठित अधिवक्ताओं की निरीक्षण रिपोर्ट और न्यायालय के प्रस्तावों पर कार्रवाई की जाएगी।
- पूर्व की बैठकों, राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों तथा विभिन्न वित्तीय रिपोर्टों के अनुपालन से सदस्यों को अवगत कराया जाएगा।

