Ranchi: राजधानी रांची स्थित झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (RIMS) में डॉक्टरों और कर्मचारियों के वेतन को लेकर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। हर महीने करीब 25 करोड़ रुपये की जरूरत वाले इस संस्थान में 400 डॉक्टर और 2100 कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन वित्तीय वर्ष 2025-26 का फंड अभी तक जारी नहीं हुआ है।
डॉक्टरों और स्टाफ को नहीं मिल सका जून का वेतन
सरकारी व्यवस्था के अनुसार, नॉन-प्लानिंग हेड से रिम्स को सालाना 300 करोड़ रुपये वेतन मद में मिलते हैं। आमतौर पर यह राशि मई माह तक जारी कर दी जाती है, लेकिन 13 जून 2025 बीतने के बाद भी अब तक कोई फंड नहीं आया है। इस कारण रिम्स प्रबंधन के सामने डॉक्टरों और कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थता की स्थिति है।
आंतरिक फंड भी खत्म होने की कगार पर
सूत्रों की मानें तो बीते दो महीनों तक रिम्स प्रबंधन ने आंतरिक फंड से वेतन भुगतान किया था। अब इस फंड में महज 8 से 9 करोड़ रुपये ही बचे हैं। ऐसी स्थिति में यह विचार किया जा रहा है कि छोटे कर्मचारियों का वेतन आंतरिक फंड से जारी कर दिया जाए, जबकि डॉक्टरों को फंड मिलने के बाद वेतन दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग से मदद की उम्मीद
रिम्स प्रबंधन अब स्वास्थ्य विभाग से फंड के लिए गुहार लगाने की तैयारी में है ताकि जल्द से जल्द कर्मचारियों को उनका वेतन मिल सके और सेवा प्रभावित न हो।
पीआरओ बोले – आंतरिक फंड भी अब समाप्त
इस मुद्दे पर रिम्स के पीआरओ डॉ. राजीव रंजन ने कहा,
“सच में इस बार वेतन देने के लिए हमारे पास फंड नहीं है। हर साल मई से पहले हमें फंड मिल जाता था, लेकिन इस बार समझ में नहीं आ रहा कि देरी क्यों हो रही है। अब आंतरिक फंड भी लगभग समाप्त हो चुका है। छोटे कर्मचारियों को परेशानी न हो, इसके लिए रास्ता निकाला जा रहा है।”
RIMS रांची में वेतन संकट: डॉक्टर और कर्मचारी को वेतन देने के लिए भी फंड नहीं
पीआरओ डॉ. राजीव रंजन ने कहा, “सच में इस बार वेतन देने के लिए हमारे पास फंड नहीं है।
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