रांची : रांची में इस वर्ष सरस्वती पूजा को लेकर जोरदार उत्साह देखा जा रहा है। शहर के हर गली-मोहल्ले में पूजा की तैयारियां पूरी धूमधाम से चल रही हैं। पूजा समितियां जगह-जगह बैनर, पोस्टर और अन्य सजावट के साथ पंहुच चुकी हैं, जिससे शहर में भक्तिमय माहौल बन चुका है। इस उत्सव में रांची के विभिन्न इलाकों में अनोखे पंडाल बनाए जा रहे हैं, जो श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
रांची के अपर हटिया स्थित सरस्वती शिशु बाल क्लब इस वर्ष एक अनोखी थीम पर भव्य पंडाल का निर्माण कर रहा है। क्लब के सचिव रवि कुमार ठाकुर ने बताया कि इस वर्ष पंडाल को पहाड़ की थीम पर तैयार किया जा रहा है। पंडाल के अंदर मां सरस्वती के दर्शन एक गुफा के भीतर होंगे, जिसमें श्रद्धालु विशेष रूप से प्रवेश कर सकेंगे। पंडाल में आदिमानव की कलाकृतियां भी दिखाई जाएंगी, जो इस वर्ष की थीम को और भी दिलचस्प बनाएंगी। यह पंडाल 30 फीट ऊंचा, 60 फीट चौड़ा और 30 फीट लंबा होगा। इस पंडाल के निर्माण में तीन लाख रुपये की लागत आ रही है।
सरस्वती शिशु बाल क्लब का इतिहास भी काफी पुराना है। क्लब 1995 से सरस्वती पूजा का आयोजन कर रहा है। इस बार क्लब ने पूजा के आयोजन को और भव्य बनाने के लिए पारंपरिक बंगला शैली में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित की है। इस मूर्ति की कीमत 25 हजार रुपये बताई जा रही है। पूजा का आयोजन तीन फरवरी से छह फरवरी तक किया जाएगा, जिसमें पूजा, भोग वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
वहीं, रांची के चुटिया स्थित न्यू स्टार अमर ज्योति क्लब भी इस वर्ष अपनी पूजा को लेकर तैयारियों में व्यस्त है। क्लब के अध्यक्ष संजीत सोनी ने बताया कि न्यू स्टार अमर ज्योति क्लब 2005 से सरस्वती पूजा का आयोजन कर रहा है। इस बार क्लब ने पंडाल निर्माण में 85 हजार रुपये खर्च किए हैं। पंडाल की ऊंचाई 20 फीट और चौड़ाई 30 फीट होगी, जहां माता सिंहासन पर विराजमान रहेंगी। इस पंडाल में माता की सेवा में दासियां भी खड़ी होंगी। इस बार मूर्ति की ऊंचाई 13 फीट और चौड़ाई 5 फीट होगी, और मूर्ति निर्माण में 35 हजार रुपये खर्च हुए हैं।
न्यू स्टार अमर ज्योति क्लब में पूजा के दौरान विशेष भोग वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य, संगीत और अन्य धार्मिक प्रस्तुतियों का आयोजन होगा, जो भक्तों को और भी उत्साहित करेंगे। इन दोनों पूजा समितियों के पंडालों में भव्यता और अनोखी सजावट का जोरदार संयोजन देखने को मिलेगा, जो रांचीवासियों के लिए एक नई पहचान बनेगा।
पूजा के इन आयोजनों में श्रद्धालु अपनी आस्थाओं के साथ जुड़ने के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर को भी महसूस करेंगे। यह उत्सव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि रांची के सांस्कृतिक जीवन को भी समृद्ध करता है। इस तरह रांची में इस वर्ष सरस्वती पूजा का माहौल एक नए जोश और उत्साह के साथ बन रहा है, जो पूरे शहर में फैला हुआ है। भक्तों की भीड़ और शानदार सजावट ने इस उत्सव को और भी खास बना दिया है।