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आईएएस मनीष रंजन से आज आलमगीर के सामने ईडी करेगी पूछताछ

by Rakesh Pandey
Tender Commission Scam
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रांची: Tender Commission Scam: ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाला मामले में ईडी आज यानी मंगलवार 28 मई को आईएएस मनीष रंजन पूछताछ करेगी। पहले समन पर उपस्थित नहीं होने के बाद ईडी ने मनीष रंजन को दूसरा समन भेजकर आज पूछताछ के लिए अपने जोनल ऑफिस बुलाया है। इस पूरे मामले में उनका बयान लिया जाएगा। और आलमगीर आलम को आमने- सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी।

Tender Commission Scam:  आलमगीर की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था नाम

झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी के बाद मनीष रंजन का नाम सामने आया था। टेंडर के बदले कमीशन लेने का आरोप लगा है। इस मामले में अबतक 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

बताया जा रहा है कि मंत्री आलमगीर आलम उनके ओएसडी संजीव लाल और जहांगीर से हुई अब तक की पूछताछ में मनीष रंजन की संलिप्तता सामने आयी है। इसी मामले को लेकर ईडी की ओर से मनीष रंजन को फिर से दूसरा समन किया गया है। मनीष रंजन वर्तमान में भू राजस्व विभाग के सचिव हैं। इससे पहले वह ग्रामीण विकास विभाग के सेक्रेटरी के पद पर पदस्थापित रह चुके हैं। इससे पूर्व मनीष रंजन को ईडी ने 22 मई को समन कर 24 मई को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया था। लेकिन मनीष रंजन ने पत्र भेजकर समय की मांग की थी।

Tender Commission Scam:  मंत्री आलमगीर के खिलाफ मिले हैं कई साक्ष्य

राज्य सरकार में मंत्री आलमगीर आलम और उनके सहयोगियों के खिलाफ कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं, जिससे ये बात स्पष्ट है ये लोग गलत तरीके से धन अर्जित किया करते थे। ईडी ने बताया कि जांच के दौरान एक आईएएस ऑफिसर मनीष रंजन का नाम भी सामने आया है जिन्हें 24 मई को पुछताछ के लिए बुलाया गया था। लेकिन वह नहीं आए थे, जिस कारण उन्हें फिर से दूसरे समन के माध्यम से बुलाया गया है। साथ ही ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि विभाग में अधिकारियों और पदाधिकारियों की साठ-गांठ की वजह से कमीशन खोरी का धंधा फल-फूल रहा था। इस पूरे मामले में आईएएस मनीष रंजन के अलावा दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।

साथ ही ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को यह भी बताया है पुछताछ में मंत्री आलमगीर आलम सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह गोल-मोल जवाब देकर कई महत्वपूर्ण जानकारियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। वही ईडी ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के कमाई के और भी स्रोत है जिसे लेकर पूछताछ करनी है। वही इसके साथ ही उनकी चल-अचल संपत्ति की पहचान करना और उसकी जानकारी इक्कठा करना है, जिस कारण आलमगीर आलम की रिमांड अवधि को बढ़ाए जाए।

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