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विपक्षी गठबंधन का नाम होगा ‘इंडिया’, वैकल्पिक राजनीति और सामाजिक-आर्थिक एजेंडा पेश करने का लिया संकल्प, सभी ने एक स्वर में प्रस्ताव का किया समर्थन

by Rakesh Pandey
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बेंगलुरु : बेंगलुरु में आयोजित विपक्षी गठबंधन की बैठक खत्म हो गयी है। इस दौरान अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को कड़ी चुनौती देने के प्रयास में जुटे 26 विपक्षी दलों ने मंगलवार को अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ रखने का फैसला किया और यह संकल्प भी लिया कि वो देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीति और सामाजिक एवं आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे।

बेंगलुरु के एक पांच सितारा होटल में दो दिवसीय बैठक में विपक्षी दलों ने ‘इंडिया’ नाम तय करने के साथ ही यह भी फैसला किया कि इस गठबंधन का एक संयोजक होगा और 11 सदस्यीय समन्वय समिति होगी।

अगली बैठक मुंबई में होगी :
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘इंडिया’ के घटक दलों की अगली बैठक मुंबई में होगी जहां गठबंधन के संयोजक और समन्वय समिति के सदस्यों का चयन किया जायेगा। विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारे गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ होगा। सभी ने एक स्वर में इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन में 11 सदस्यों की एक समन्वय समिति बनाई जायेगी और महाराष्ट्र के मुंबई में होने वाली अगली बैठक में इसके सदस्यों के नामों की घोषणा की जायेगी।

खरगे ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव प्रचार के प्रबंधन के लिए दिल्ली में एक साझा सचिवालय बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश और देश के लोगों को बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए हमने आपसी मतभेदों को पीछे रखने का फैसला किया है। यह पूछे जाने पर कि विपक्षी गठबंधन का चेहरा कौन होगा, खरगे ने कहा कि इस गठबंधन के संयोजक और समन्वय समिति के सदस्यों का फैसला मुंबई में होने वाली अगली बैठक में किया जायेगा।

उनका यह भी कहना था कि सीट बंटवारे पर सभी नेताओं, समन्वय समिति के सदस्यों द्वारा परस्पर विचार-विमर्श किया जायेगा। दूसरे दिन की बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए।

भारत जुड़ेगा, इंडिया जीतेगा :
बैठक से एक दिन पहले विपक्षी पार्टियों ने रात्रिभोज के अवसर पर अनौपचारिक चर्चा की थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संवाददाताओं सम्मेलन में विपक्षी दलों के नए गठबंधन के नाम ‘इंडिया’ का उल्लेख करते हुए कहा कि अब लड़ाई ‘इंडिया और नरेंद्र मोदी’ के बीच है और यह बताने की जरूरत नहीं है कि जीत किसकी होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोई हिंदुस्तान के सामने खड़ा होता है, तो जीत किसकी होती है यह बताने की जरूरत नहीं है। बाद में राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि भारत जुड़ेगा, इंडिया जीतेगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गठबंधन के नाम का उल्लेख करते हुए सवाल किया कि भाजपा और राजग, क्या आप लोग ‘इंडिया’ को चुनौती दे सकते हैं? उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ जीतेगा, भाजपा हारेगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम देश को बचाने और नये भारत को बनाने के लिए एकत्र हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में पिछले नौ वर्षों के दौरान हर क्षेत्र में बर्बादी हुई है।

हम परिवार नहीं देश बचाने के लिए एक हुए हैं :

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक बयान का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा कि कुछ लोगों को लग रहा है कि हम परिवार के लिए लड़ रहे हैं, हां यह देश हमारा परिवार है और हम देश को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। विपक्षी दलों ने बैठक में पारित ‘सामूहिक संकल्प’ में कहा, कि हम संविधान में निहित भारत के विचार की रक्षा के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं।

हमारे गणतंत्र के चरित्र पर भाजपा द्वारा व्यवस्थित तरीके से गंभीर हमला किया जा रहा है। हम अपने देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के मूलभूत स्तंभों-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद-को व्यवस्थित रूप से और खतरनाक रूप से कमजोर किया जा रहा है।

विपक्ष ने कहा कि हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ पैदा की जा रही नफरत और हिंसा को हराने के लिए एक साथ आये हैं, महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए सभी सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए एक निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हैं और, पहले कदम के रूप में, जाति जनगणना को लागू करें।

उन्होंने यह भी कहा कि हम राष्ट्र के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प लेते हैं। हम शासन के सार और शैली दोनों को अधिक परामर्श योग्य, लोकतांत्रिक और सहभागी बनाने के लिए इन्हें बदलने का वादा करते हैं।

 

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