हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर : झारखंड के जमशेदपुर में एक अलग तरह की बीमारी तेज गति से फैल रही है जो पहली बार देखा जा रहा है। इस बीमारी की चपेट में अभी तक लगभग 50 से अधिक स्कूल के बच्चे, शिक्षक, शिक्षिकाएं व छात्रों के माता-पिता आ चुके हैं। शहर में यह बीमारी काफी तेजी से फैल रही है, जिससे न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग चिंतित है बल्कि स्कूल प्रबंधन और छात्रों के माता-पिता भी परेशान हैं।
अभी तक जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शहर के अधिकांश स्कूल इस संक्रमित बीमारी की चपेट में आ गए हैं। हालांकि, स्कूल प्रबंधन इससे बचने का भरपूर प्रयास कर रहा है इसके बावजूद इसका संक्रमण इतना मजबूत है कि उसे रोक पाना काफी मुश्किल हो रहा है।
गम्हरिया स्थित एमजीआई फाउंडेशन के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. कुमार साकेत कहते हैं कि बरसात के दिनों में हर साल इस तरह के मामले सामने आते थे लेकिन इस बार इसका संक्रमण तेज गति से लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
एडेनो वायरस के नए स्ट्रेन की आशंका
नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. कुमार साकेत कहते हैं कि अभी जो कंजक्टिवाइटिस हो रही है। इसका कारण एडेनो वायरस का नया स्ट्रेन माना जा रहा है, जो काफी तेजी से बच्चों के साथ-साथ बड़ों को संक्रमित कर रहा है। पूर्व में भी यह बीमारी होती थी लेकिन इतने बड़ी संख्या में लोग संक्रमित नहीं होते थे।
इस बार ऐसा लग रहा है कि वायरस मजबूत होकर नए स्ट्रेन के रूप में सामने आया है, जो लोगों को तेजी से संक्रमित कर रहा है। हालांकि, जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि एडेनो वायरस को यह कौन सा रूप है। अस्पतालों का आंकड़ा देखा जाए तो कंजक्टिवाइटिस के 10 गुना मरीज बढ़ गए हैं।
बच्चों के साथ-साथ शिक्षक, शिक्षिकाएं भी हो रही संक्रमित
कंजक्टिवाइटिस से बच्चों के साथ-साथ शिक्षक, शिक्षिकाएं और छात्रों के माता-पिता सहित पूरे परिवार के सदस्य संक्रमित हो रहे हैं। एडेनो वायरस की वजह से कंजक्टिवाइटिस होता है लेकिन इस बार यह काफी तेज गति से फैल रही है। कहा जा रहा है कि स्कूलों में तमाम बच्चे आते हैं और उनके माध्यम से ही इसका संक्रमण एक से दूसरे में फैल रहा है। जब बच्चे घर आते हैं तो उनके साथ माता-पिता सहित पूरे परिवार के सदस्यों में इसका संक्रमण फैल रहा है और वह कंजक्टिवाइटिस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
क्या है कंजक्टिवाइटिस
कंजक्टिवाइटिस में आंखें लाल हो जाती हैं। तेज दर्द होता है और आंखें खुल नहीं पाती हैं। आंखों में चुभन भी महसूस होती है। इसके साथ ही आंखों से पानी भी गिरता रहता है।
संक्रमण रोकने के लिए स्कूल प्रबंधन हुए सक्रिय
तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शहर के तमाम स्कूलों द्वारा विशेष दिशा-निर्देश दिया जा रहा है। संक्रमित बच्चों को स्कूल नहीं आने की सलाह दी जा रही है। वहीं, अगर किसी बच्चे का परीक्षा चल रही है तो उनके लिए अलग कक्षा की व्यवस्था की जा रही है। ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इस संक्रमण से बचाया जा
सकें।
अभी तक इन स्कूल के बच्चे हो चुके हैं संक्रमित
– बिष्टुपुर स्थित दयानंद पब्लिक स्कूल।
– साकची स्थित मोतीलाल पब्लिक स्कूल।
– एग्रिको स्थित तारापोर स्कूल।
– कदमा स्थित केपीएस स्कूल।
– साकची हाई स्कूल।
– मानगो केपीएस।
– लोयोला स्कूल
– साकची स्थित शारदामणि स्कूल।
– साकची स्थित गुरुनानक स्कूल।
– मानगो स्थित गुरुनानक स्कूल।
– टेल्को स्थित विद्या भारती चिन्मया।
– मानगो स्थित विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल।
– टेल्को स्थित एसकेएस पब्लिक स्कूल
कंजक्टिवाइटिस हो जाए तो यह बरतें सावधानी
– अपने आप को आइसोलेट कर लें। ताकि परिवार के दूसरे सदस्य के संपर्क में नहीं आएं।
– अपना सारा निजी समान अलग रखें। जैसे तौलिया, रुमाल, तकिया आदि।
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।
– हाथों को ड्रॉप डालने से पूर्व व बाद में धोएं।
– आंखों को बार-बार नहीं खुजलाएं।
– संक्रमित मरीज से दूरी बना कर रहें।
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