New Delhi : दिल्ली हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले की उस अर्जी को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट्स (अब एक्स) के मामले में लगाए गए 50 लाख रुपये के जुर्माने और सोशल मीडिया पर माफी मांगने के आदेश को वापस लेने की मांग की थी। जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव ने गोखले की याचिका को खारिज करते हुए जुर्माने की रकम भरने का आदेश बरकरार रखा है।
सांसद की सैलरी से होगी जुर्माने की वसूली
हाई कोर्ट ने पहले ही 24 अप्रैल को आदेश दिया था कि गोखले की सांसद के रूप में मिल रही सैलरी से हर महीने 1 लाख 90 हजार रुपये कोर्ट में जमा किए जाएं, जब तक 50 लाख रुपये की वसूली पूरी नहीं हो जाती। इस आदेश के बाद गोखले ने जुर्माने को वापस लेने की अर्जी दी थी, जिसपर 6 मार्च को लक्ष्मी पुरी को नोटिस जारी किया गया था। गोखले के वकील ने कोर्ट में सफाई दी थी कि उनका वकील पेश नहीं हो पाया था, इसलिए यह आदेश एकतरफा जारी किया गया।
अपमानजनक ट्वीट्स के लिए माफी और जुर्माना
हाई कोर्ट ने 1 जुलाई 2024 को अपने आदेश में गोखले को लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए अपमानजनक ट्वीट्स के लिए 50 लाख रुपये का जुर्माना भरने और अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में माफीनामा छापने का निर्देश दिया था। लक्ष्मी पुरी ने 2021 में गोखले के खिलाफ याचिका दायर की थी।
गोखले के ट्वीट्स में लगे थे गंभीर आरोप
लक्ष्मी पुरी के वकील मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया था कि साकेत गोखले ने पुरी की आय के स्रोत पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किए थे। उन्होंने पुरी की बेटी के नाम और उन्हें दी गई चीजों के बारे में जानने का दावा करते हुए 13 जून 2021 और 23 जून 2021 को ट्वीट किए थे। गोखले ने आरोप लगाया था कि पुरी ने केंद्र सरकार की सैलरी से कुछ खरीदा, जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने पुरी पर 2006 में जेनेवा में राजदूत रहते हुए काले धन से डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने का आरोप भी लगाया था। मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि पुरी की सभी संपत्तियां सार्वजनिक हैं और उनकी संपत्ति ढाई मिलियन से घटकर डेढ़ मिलियन हो गई है।