Ranchi : झारखंड के चर्चित शराब घोटाले में अब एक और बड़ा मोड़ सामने आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के परिजनों को भी जांच के दायरे में ले लिया है। एजेंसी ने उनके ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी और साले शिपिज त्रिवेदी को समन भेजते हुए गुरुवार को पूछताछ के लिए तलब किया है। जांच एजेंसी को शक है कि इनके जरिए विनय चौबे के वित्तीय नेटवर्क और लेन-देन की कई अहम कड़ियाँ सामने आ सकती हैं। अब देखना है कि दोनों पूछताछ के लिए आते हैं या नहीं।
नयी एफआइआर में कई नाम शामिल
विनय चौबे पहले से ही शराब घोटाला, वन भूमि घोटाला और सेवायत भूमि घोटाला जैसे गंभीर आरोपों में घिरे हुए हैं। इसी क्रम में एसीबी ने एक नई एफआइआर (20/2025) दर्ज की है, जिसमें विनय चौबे सहित कुल आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें विनय चौबे, स्वप्न संचिता (पत्नी), विनय सिंह (नेक्सजेन के मालिक), स्निग्धा सिंह (विनय सिंह की पत्नी), शिपिज त्रिवेदी (विनय चौबे के साले), प्रियंका त्रिवेदी (शिपिज की पत्नी) और सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी (विनय चौबे के ससुर) शामिल हैं।
इन सभी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(b), 13(2) और भारतीय न्याय संहिता की धारा 49 व 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसीबी की जांच में क्या सामने आया?
प्रारंभिक जांच के अनुसार, सभी आरोपियों ने अवैध संपत्ति अर्जित करने और उसे विभिन्न खातों में निवेश करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। सेवा अवधि में विनय चौबे की वैध आय करीब 2.20 करोड़ रुपये आंकी गई है। वहीं उनके सहयोगियों और रिश्तेदारों के खातों में लगभग 3.47 करोड़ रुपये का कुल ट्रांजैक्शन पाया गया है। इस आधार पर एसीबी का दावा है कि विनय चौबे के पास 1.27 करोड़ रुपये की संदिग्ध/अवैध संपत्ति है, जो उनकी ज्ञात आय से लगभग 53 फीसदी अधिक है।
अब आगे क्या?
क्योंकि मामला परिवार तक पहुंच चुका है, ऐसे में एसीबी की कार्रवाई आने वाले दिनों में और तीखी हो सकती है। पूछताछ में क्या निकलकर आता है, इस पर कई अहम तार जुड़ेंगे—और संभव है कि पूरे घोटाले की दिशा बदल जाए।
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