नई दिल्ली, 12 मई 2025:भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गजों विराट कोहली और रोहित शर्मा ने महज 6 दिनों के भीतर टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया, जिससे करोड़ों क्रिकेट प्रेमी हैरान रह गए। रोहित शर्मा ने 7 मई को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा, वहीं विराट कोहली ने 11 मई को रिटायरमेंट की घोषणा की। अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो भारत के दो सबसे बड़े क्रिकेटर अचानक टेस्ट क्रिकेट से अलग हो गए?
इंग्लैंड दौरे की टीम चयन से शुरू हुई कहानी
दरअसल, इस पूरी कहानी की शुरुआत हुई आगामी इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम के चयन की चर्चाओं से। आईपीएल के बीच ये खबर चर्चा में नहीं आई, लेकिन अंदरखाने कुछ बड़ा चल रहा था। मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर, हेड कोच गौतम गंभीर और बीसीसीआई के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के बीच लगातार चर्चा हो रही थी कि क्या रोहित और विराट को टेस्ट टीम में शामिल किया जाए या नहीं।
कोच और चयनकर्ता का कठिन फैसला
सूत्रों के मुताबिक, कोच गौतम गंभीर और चयनकर्ता अजीत अगरकर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अब टेस्ट टीम को नई दिशा दी जानी चाहिए और इन दोनों खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं दी जाएगी। लेकिन इस फैसले को खिलाड़ियों तक कैसे पहुंचाया जाए, इस पर असमंजस था। यहां बीसीसीआई के एक पूर्व अधिकारी ने अहम भूमिका निभाई और खुद विराट और रोहित से बात की। उन्हें बताया गया कि अब टीम आगे बढ़ने की तैयारी में है।
‘लीगेसी’ के आगे ‘फॉर्म’ की हार
गौरतलब है कि हाल के समय में रोहित और विराट दोनों का टेस्ट प्रदर्शन औसत रहा है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित का सर्वश्रेष्ठ स्कोर मात्र 10 रन रहा और एक मैच में उन्हें खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर करना पड़ा। न्यूजीलैंड के खिलाफ भी उनका बल्ला नहीं चला और पूरी सीरीज में केवल 91 रन ही बना सके।
वहीं, विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में 100* रन जरूर बनाए, लेकिन बाकी चार टेस्ट में कुल 85 रन ही बना सके। न्यूजीलैंड के खिलाफ भी उनका हाल कुछ ऐसा ही रहा — तीन टेस्ट में केवल 93 रन। पिछले पांच साल में विराट का टेस्ट औसत 46 से घटकर 32 हो गया और उन्होंने सिर्फ 1990 रन बनाए।
चैंपियंस ट्रॉफी के बाद विदाई की उम्मीद थी
कुछ जानकार मानते हैं कि भारत द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद ही दोनों खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा लेनी चाहिए थी। लेकिन IPL के चलते इन चर्चाओं को ज्यादा हवा नहीं मिली।
गंभीर का बयान और सेलेक्टर्स की चिंता
एक कार्यक्रम में जब गौतम गंभीर से रोहित-विराट के टीम चयन पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि टीम चयन चयनकर्ताओं का काम है और वो सिर्फ प्लेइंग-11 पर राय रखते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि “जो प्रदर्शन करेगा, वही खेलेगा” — ये संकेत था कि सिर्फ नाम से चयन नहीं होगा।
अब चयनकर्ताओं और कोच पर भी प्रदर्शन का दबाव होगा, क्योंकि अगर नई टीम उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी तो सवाल उन्हीं पर उठेंगे।
सोशल मीडिया से संन्यास या मैदान से विदाई?
अब एक और बड़ा सवाल यह खड़ा होता है — क्या विराट और रोहित जैसे दिग्गजों को मैदान में खेलकर विदाई लेनी चाहिए थी या सोशल मीडिया पर पोस्ट करके ही? करोड़ों प्रशंसकों के लिए यह एक अधूरी विदाई है।