महिला शक्ति की मिसाल: ऑपरेशन सिंदूर में चमकीं कर्नल सोफिया कुरैशी...

1981 में गुजरात के वडोदरा में जन्मी सोफिया कुरेशी का जन्म अनुशासन और राष्ट्र सेवा से ताल्लुक रखने वाले परिवार में हुआ। उनके दादा भारतीय सेना में और पिता सशस्त्र बलों में एक धार्मिक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। 

गुजरात में अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद बायो केमेस्ट्री में मास्टर डिग्री प्राप्त की, अकादमिक रूप से प्रतिभाशाली थी और विज्ञान या अनुसंधान में करियर बनाने की क्षमता रखती थी, लेकिन उन्होंने सशस्त्र बलों में सेवा करने के जुनून को चुना।

1999 में, सोफिया कुरेशी को चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) के माध्यम से भारतीय सेना में कमीशन दिया गया। 

उन्होंने सिग्नल कोर में शानदार करियर की शुरुआत की, जो संचार, साइबर सुरक्षा और युद्ध क्षेत्र समन्वय पर केंद्रित थी।

उनके प्रारंभिक वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों और सामरिक पदों पर कठिन असाइनमेंट शामिल थे। पीस वॉर से लेकर एक्टिव फील्डवर्क तक, उन्होंने जल्दी ही अपने प्रोफेशनलिज्म, सामरिक बुद्धिमत्ता और नेतृत्व क्षमताओं के लिए पहचान हासिल की।

कर्नल कुरैशी ने मार्च 2016 में इतिहास रचा जब उन्होंने एक्सरसाइज फोर्स 18 में 40 सदस्यीय भारतीय सेना के दल का नेतृत्व किया।

2006 में कर्नल कुरैशी को कांगो (MONUC) में संयुक्त राष्ट्र शान्ति रक्षा मिशन में सेवा देने के लिए चुना गया।

कर्नल सोफिया कुरैशी की शादी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है, जो भारतीय सेना की मेकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट में सेवाएं दे रहे हैं। इस जोड़ी का एक बेटा है जिसका नाम समीर है।

मई 2025 में, कर्नल सोफिया कुरैशी सुर्खियों में तब आईं जब उन्हें ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्रीय मीडिया को प्रेस ब्रीफिंग के लिए चयनित किया गया। उच्च-स्तरीय ब्रीफिंग में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में उनकी उपस्थिति भारतीय सेना में उनकी क्षमता और कम्युनिकेशन स्किल को दर्शाता है।