पृथ्वी का रहस्यमय और अनूठा हिस्सा हैं रेगिस्तान, जानें इनसे जुड़े 20 रोचक तथ्य
रेगिस्तानों की कुछ खासियतें हैं, जो उन्हें पृथ्वी के सबसे रहस्यमय और अनूठे पारिस्थितिक तंत्रों में से एक बनाती हैं। इसके विपरीत रेगिस्तान कई बीमारियों का कारण भी बनते हैं। इसके अलावा इनसे जुड़े कई रोचक तथ्य भी हैं. आइये जानते हैं :-
पृथ्वी के 20 प्रतिशत हिस्से पर रेगिस्तान फैले हैं – पृथ्वी की सतह का लगभग पांचवां भाग रेगिस्तान से ढका हुआ है।
सभी रेगिस्तान गर्म नहीं होते – अंटार्कटिका और आर्कटिक को भी ध्रुवीय रेगिस्तान माना जाता है क्योंकि वहां बहुत कम वर्षा होती है।
दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान अंटार्कटिका है – यह लगभग 1.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। सहारा, जो सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान है, उससे करीब 55 लाख वर्ग किमी बड़ा है।
रेगिस्तानों में दिन-रात का तापमान बहुत बदलता है – कुछ रेगिस्तानों में दिन का तापमान 54°C (130°F) तक पहुंच सकता है, जबकि रात में यह -4°C (25°F) या उससे भी कम हो सकता है।
रेगिस्तानी रेत के टीले लगातार चलते रहते हैं – तेज़ हवाएं रेत के टीलों को साल में कुछ मीटर तक खिसक सकती हैं।
कुछ रेगिस्तानी पौधे वर्षों तक बिना पानी के रह सकते हैं – जैसे कि ‘रेसरेक्शन प्लांट’ जो पूरी तरह सूखकर मृत सा दिखता है लेकिन पानी मिलते ही फिर से हरा हो जाता है।
रेगिस्तानों में कई प्राचीन सभ्यताएं बसी थीं – मिस्र की सभ्यता नील नदी के किनारे सहारा रेगिस्तान में फली-फूली, जबकि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यता का संबंध थार रेगिस्तान से था।
रेगिस्तान में मृगतृष्णा (मिराज) देखी जा सकती है – गर्मी के कारण हवा में प्रकाश का अपवर्तन होता है, जिससे पानी या हरी-भरी झील का भ्रम होता है।
रेगिस्तानी जानवरों ने खुद को अनुकूलित कर लिया है – ऊंट के कूबड़ में पानी नहीं बल्कि वसा जमा होता है, जिससे वे कई दिनों तक बिना पानी के रह सकते हैं।
रेगिस्तान बढ़ भी रहे हैं – हर साल सहारा रेगिस्तान दक्षिण की ओर 48 किलोमीटर तक फैल रहा है, जिससे अफ्रीका के हरे-भरे क्षेत्र सिकुड़ रहे हैं।