झारखंड के पारंपरिक परिधान: समय के साथ बदलती पहचान...
झारखंड की पारंपरिक पहचान।
यहां के पारंपरिक वस्त्र सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं का प्रतीक हैं
पिठिया
महिलाओं की शान
पिठिया एक पारंपरिक ब्लाउज़ है जिसे विशेष अवसरों पर पहना जाता है।
लुगड़ा
सादगी और सौंदर्य
लुगड़ा एक साड़ीनुमा वस्त्र है जिसे आदिवासी महिलाएं पहनती हैं।
गमछा
बहु उपयोगी वस्त्र
गमछा झारखंडी पुरुषों की पहचान है, गर्मियों में इसका खास महत्व है।
बुनाई का स्थानीय हुनर
स्थानीय महिलाएं कपड़ों को हाथ से बुनती हैं – ये कला आज भी जीवित है।
आभूषणों के साथ संपूर्णता
पारंपरिक परिधान झारखंडी आभूषणों के बिना अधूरे हैं।
उत्सवों में पारंपरिक परिधान
त्योहारों में इन वस्त्रों को विशेष महत्व और गौरव के साथ पहना जाता है।
आधुनिक फैशन में वापसी
डिज़ाइनर्स अब पारंपरिक वस्त्रों को मॉडर्न ट्विस्ट दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर छाया ट्रेंड
लोकप्रियता के कारण आजकल पारंपरिक पहनावे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंड कर रहे हैं।
पहनावा जो कहानी कहे
झारखंड के ये परिधान सिर्फ वस्त्र नहीं, एक विरासत हैं।