क्या आप जानते हैं? रांची का पुराना नाम और उससे जुड़ी रोचक कहानी!

रांची का नाम कैसे पड़ा?

क्या आप जानते हैं रांची को पहले किस नाम से जाना जाता था?

जंगलों से घिरा था रांची

पुराने समय में यह क्षेत्र घने जंगलों और जनजातियों से भरा था।

'अरची' नाम से  होती थी पहचान

स्थानीय जनजातियाँ इसे ‘अरची’ कहती थीं, जिसका अर्थ होता है 'पक्षी'।

मुंडारी भाषा में है जड़ें

'अरची' नाम की उत्पत्ति मुंडारी भाषा से हुई है जो आज भी बोली जाती है।

अंग्रेजों ने बदला नाम

ब्रिटिश शासन के दौरान ‘अरची’ से ‘रांची’ नाम का रूपांतरण हुआ।

धीरे-धीरे बनी राजधानी

समय के साथ रांची झारखंड की राजनीतिक और सांस्कृतिक राजधानी बन गई।

नाम में बसी है प्रकृति

'अरची' का नाम ही दर्शाता है इस क्षेत्र की जैव विविधता को।

जनजातीय संस्कृति की छाप

आज भी रांची में जनजातीय त्योहार, भाषा और जीवनशैली जीवंत हैं।

इतिहास को जानना क्यों जरूरी?

नामों का इतिहास हमें जड़ों से जोड़ता है और पहचान को सहेजता है।

अगली बार रांची कहें तो  याद रखें

रांची सिर्फ एक शहर नहीं, यह एक विरासत है जो ‘अरची’ से शुरू हुई थी।