धनबाद : धनबाद के केंद्रीय खनन एवं इंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) में हुए 140 करोड़ के मानदेय घोटाला मामले में सीबीआई(CBI) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। टीम (CBI) ने छापेमारी करते हुए सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पीके सिंह के धैया स्थित फ्लैट को सील कर दिया । इसके अलावा सिंफर के चीफ साइंटिस्ट डॉ एके सिंह के सिंफर के डिगवाडीह कैंपस के आवास में छापेमारी की। इनके आवास को भी सील करने कर सूचना मिल रही है। बताया जा रहा कि तीन दिन पहले इस मामले में सीबीआई ने एफआइआर(FIR) दर्ज की है।
कुछ ऐसा है सिंफर में मानदेय घोटाले का पूरा मामला
सिंफर में एक अरब 39 करोड़ 79 लाख 97 हजार 871 रुपए का घोटाला हुआ है। धनबाद सीबीआइ ने इस घोटाले को उजागर किया है। सीबीआइ के अनुसार कोयले की थर्ड पार्टी सैंपलिंग में विभिन्न कोल कंपनी और पावर कंपनियों से प्राप्त राशि को सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ पी के सिंह और चीफ साइंटिस्ट डॉ एके सिंह ने मनमाने तरीके से हड़प लिया था। इसके साथ ही 553 अन्य विज्ञानी, तकनीकी अधिकारी, सहायक व कर्मचारियों में भी करोड़ों की रकम बांट दी थी। पूर्व निदेशक ने 15 करोड़ 34 लाख और चीफ साइंटिस्ट ने 09 करोड़ 04 लाख खुद रख लिए थे।
सीएसआईआर ने इसे घोटाला मानकर जांच का जिम्मा सीबीआइ(CBI) और सीवीसी को सौंप दिया था। सीबीआइ ने जांच पूरी कर 26 जून को पूर्व निदेशक डॉ पी के सिंह व चीफ साइंटिस्ट डॉ एके सिंह को नामजद कर अन्य अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआइ(CBI) के अनुसार, सिंफर में इस अनियमितता को वर्ष 2016 से 2021 के बीच अंजाम दिया गया था। आज इसी मामले में सीबीआइ ने पूर्व निदेशक और चीफ साइंटिस्ट के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।