सरायकेला: सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने 113 पैकेट ब्राउन शुगर के साथ महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती एच रोड निवासी शाहबाज खान उर्फ गुड्डू और आसुरन बीबी शामिल है।
आरोपी शाहबाज जेल में बंद ड्रग पैडलर डॉली परवीन का बेटा है। गुरुवार को मामले का खुलासा करते हुए एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने बताया कि पूरे जिले में नशे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत बुधवार रात पुलिस ने आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती में छापेमारी की। छापेमारी के क्रम में पुलिस ने शाहबाज और आसुरन को गिरफ्तार किया। पुलिस ने जब शाहबाज के घर की तलाशी ली तो वहां से कुल 113.44 ग्राम ब्राउन शुगर जिसकी कीमत 22.68 लाख बताई जा रही है। छापेमारी में पुलिस ने ब्राउन शुगर के अलावा 1,49,780 रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में पहली बार ब्राउन शुगर की इतनी बड़ी खेप को पकड़ा है।
मां के जेल जाने के बाद शाहबाज ने संभाला कारोबार
एसपी मुकेश लुणायत ने बताया कि पुलिस ने डॉली परवीन को पहले ही जेल भेजा था। डॉली के जेल जाने के बाद बेटे शाहबाज ने इस अवैध कारोबार को संभाला। पुलिस को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि क्षेत्र में ब्राउन शुगर का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है, जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार किया। शाहबाज ब्राउन शुगर को बेचने का धंधा करता था जबकि आसुरन बीबी ब्राउन शुगर को छोटे-छोटे पैकेट्स में पैक करने का काम करती थी। इसके लिए उसे पैसे भी दिए जाते थे।
दो माह में 14 लोग गिरफ्तार
एसपी मुकेश लुणायत के अनुसार बीते दो माह में ब्राउन शुगर के मामले में कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें वैसे लोग जो ब्राउन शुगर के मामले में संलिप्त है और कई बार एनडीपीएस के मामले में जेल जा चुके हैं, उनकी एक फाइल खोली जाएगी और उनपर पुलिस नजर रखेगी।
डॉली पर पिट एनडीपीएस एक्ट लगाने की अनुशंसा
एसपी मुकेश कुमार लुणायत ने बताया कि पुलिस नशे का कारोबार करने वालों के लिए सख्त कार्रवाई कर रही है। अब जेल में बंद डॉली परवीन के खिलाफ पिट एनडीपीएस एक्ट यानी प्रिवेंशन ऑफ इल्लिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। यह एक्ट उन गंभीर नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों पर लगाया जाता है, जो लगातार उस अपराध में शामिल पाए जाते हैं। यह कार्रवाई शासन की ओर से की जाती है। यह उन अपराधियों के खिलाफ लगाया जाता है जिनका जेल में बंद किया जाना बेहद जरूरी हो जाता है। यह एक्ट लगने के बाद अपराधी को एक साल तक जमानत नहीं मिल पाती है।