पटना : बिहार में इस साल डेंगू के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विशेषकर सितंबर माह में डेंगू के अधिकांश मरीज मिले हैं। अक्टूबर शुरू होने के साथ राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या में कमी होती नहीं दिख रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में ही राज्य में डेंगू के 6,146 नए मामले सामने आए हैं, जो पिछले पांच सालों में सबसे अधिक हैं। डेंगू से बचाव से लिए स्वच्छता नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है। जानिए किन क्षेत्रों में है डेंगू का ज्यादा कहर, कैसे कर सकते हैं डेंगू से बचाव।
पटना में सबसे अधिक डेंगू के मामले
पटना में डेंगू का बढ़ता प्रकोप चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। सरकारी कार्यालय, स्कूल-कॉलेज, और चौक-बाजार से लेकर अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी तक इससे प्रभावित हो रहे हैं। डेंगू की चपेट में आने वालों में आम लोगों के साथ-साथ रेलवे कर्मचारी, पुलिस और जिला प्रशासन के कर्मचारी व अधिकारी तक शामिल हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के ओपीडी में आने वाले करीब 50 प्रतिशत मरीज डेंगू से पीड़ित रह रहे हैं। बता दें कि पिछले 24 घंटे में राज्य में 416 नए डेंगू के मामले दर्ज किए गए। जिनमें सबसे अधिक मामले पटना में 177 हैं, इसके बाद मुंगेर में 33, सारण में 28, भागलपुर में 27 और बेगूसराय में 17 मामले हैं। डेंगू बुखार के मामलों की इस तेजी के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग ने जनता से डेंगू के बचाव के लिए उपायों का पालन करने की सलाह दी है।
पिछले साल से तीन गुना ज्यादा आंकड़े
इस साल अभी तक में कुल मिलाकर बिहार में 6,421 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 6,146 मामले सितंबर माह में ही दर्ज किए गए हैं, यह आकड़ा पिछले साल सितंबर में दर्ज किए गए 1,896 मामलों से तीन गुना ज्यादा है।
पटना में इन जगहों पर ज्यादा है खतरा
पाटलिपुत्र और बांकीपुर अंचल इस समय डेंगू के मरीजों का मुख्य केंद्र बन चुके हैं, जहां तिहाई से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। इसके बाद, बांकीपुर, नूतन राजधानी, अजीमाबाद, कंकड़बाग अंचल में भी डेंगू के मरीजों की आवृत्ति बढ़ गई है। इस बढ़ती संख्या से पटना सिटी, एनसीसी, दानापुर, और खगौल भी प्रभावित हो रहे हैं। इनके अलावा भी पटना के जिन इलाकों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, उनमें पटेलनगर, शिवपुरी, राजाबाजार, बाजार समिति, कुर्जी मोड़, चिड़ैयाटांड़, पोस्टल पार्क, गुलजारबाग, सैयदपुर, दीघा, फतेहपुर, बहादुरपुर, एनी बेसेंट रोड और अगमकुआं भी शामिल हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया है कि इस बीमारी से अब तक राज्य में सात लोगों की मौत हो चुकी है।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी
स्वास्थ्य के अधिकारियों का कहना है की हालत को नियंत्रित करने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। सभी पीएचसी और स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू के टेस्ट के लिए रेपिड एंटीजन किट पहुंचा दी गई है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर एलाईजा टेस्ट कराया जा रहा है, जो कंफर्मेटरी माना जाता है। एलाईजा टेस्ट की सुविधा सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपलब्ध है। इसके अलावा आरएमआरआई सेंटर और न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में भी यह सुविधा उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रमुख सचिव लगातार डेंगू के मामले हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सभी सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जानकारी ले रहे हैं।
जानिए डेंगू के लक्षण
डेंगू के बुखार की असली पहचान पहले चरण होता है। जिसमें बुखार के दौरान शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है। अचानक उच्च हो जाता है। डेंगू के बुखार के साथ-साथ सिरदर्द, शरीर में तेज दर्द हो सकता है। डेंगू बुखार के मरीज़ मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द का अहसास कर सकते हैं, जिसे “डेंगू डैंग” भी कहा जाता है। बुखार के कारण मरीज़ बहुत अधिक थक जाते हैं। उन्हें आमतौर पर बेहद थकावट का अहसास होता है। कुछ लोगों को डेंगू बुखार के दौरान उल्टियों और दस्त की समस्या हो सकती है। कुछ मरीज़ों को डेंगू के बाद त्वचा पर लाल चकत्ते या चमकती हुई त्वचा की समस्या हो सकती है।
क्या हैं डेंगू से बचने के उपाय?
डेंगू बुखार से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं। इसमें सबसे पहले मच्छर के काटने से बचें। यह सबसे महत्वपूर्ण है। मच्छरों से बचाव के लिए आप मच्छरदानी का उपयोग कर सकते हैं। लंबी बाजू और पैरों के कपड़े पहन सकते हैं। मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा अपने आस-पास के क्षेत्र में पानी जमा न होने दें, क्योंकि डेंगू मच्छर पानी में पनपते हैं। कई जगह घर और दफ्तर में बारिश का पानी जमा रहता है। इस खोज कर साफ कर दें, डेंगू मच्छर का लार्वा इस पानी में तेजी से फैलता है। अपने घर के आस-पास मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव करवाने से स्थिति पर कुछ हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। इन उपायों का पालन करके, आप डेंगू बुखार से बचाव कर सकते हैं।