पटना: बिहार के पूर्व MLC और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता रणवीर नंदन 11 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने वाले हैं। रणवीर नंदन ने 27 सितंबर को जदयू से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद से ही उनकी भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। जदयू अध्यक्ष ललन सिंह से विवाद के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी, हालांकि कुछ देर बाद उनका निष्कासन-पत्र भी जारी हुआ था। पार्टी ने उनको 6 साल के लिए बर्खास्त करने का पत्र जारी किया था।
जदयू से बागी हुए रणवीर नंदन भाजपा में होंगे शामिल
रणवीर नंदन ने 11 अक्टूबर को भाजपा में शामिल होने का एलान किया है। उन्होंने यह घोषणा भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के सामने की। रणवीर नंदन ने बताया कि वे 11 अक्टूबर को भाजपा में शामिल होने का डेट इसलिए चुने हैं क्योंकि इस दिन जय प्रकाश नारायण की जयंती होती है।
मिलन समारोह कार्यक्रम में मिलेगी सदस्यता
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय में 11 अक्टूबर को मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसके माध्यम से बिहार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व एक महत्वपूर्ण कदम उठाएगा। जदयू से बागी होने के बाद रणवीर नंदन इस दिन भाजपा के शामिल होंगे। भाजपा कार्यालय में इसी कार्यक्रम में उन्हें पार्टी की सदस्यता प्रदान की जाएगी।
नीतीश कुमार दो ‘एल’के बीच फंसे
रणवीर नंदन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संगठन के स्थिति को लेकर बयान दिया है। उन्होंने ललन सिंह पर भी कड़ी टिप्पणी की है। रणवीर नंदन से कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो ‘एल’के बीच फंसे हुए हैं। एक ‘एल’लालू प्रसाद यादव हैं और दूसरा ‘एल’ललन सिंह हैं। बहुत जल्द ही जनता दल यूनाइटेड पार्टी खत्म हो जाएगी। ललन सिंह लालू प्रसाद यादव के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि जिस तरह का व्यवहार ललन सिंह जदयू कार्यकर्ताओं के साथ कर रहें हैं, उससे लगता है कि पार्टी में उनका भविष्य ज्यादा दिनों तक नहीं है। रणवीर नंदन ने कहा कि नीतीश कुमार राहु-केतु के बीच में फंस गए हैं और उन्हें अब घुटन भी हो रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश के करीबी थे रणवीर
रणवीर नंदन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से वह पार्टी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने पार्टी की नीतियों पर कई बार सवाल उठाए थे और कई बात रणवीर नंदन को कई कार्यक्रमों में शामिल नहीं किया जा रहा था। वहीं, यह भी बात सामने आ रही थी कि रणवीर नंदन भाजपा के लिए काम करते हैं। रणवीर नंदन के भाजपा में शामिल होने से बिहार की राजनीति में हलचल मचने की संभावना है।
अपमान के बाद वापसी संभव नहीं
रणवीर नंदन ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि पहले से ऐसा कुछ नहीं था, हालांकि परिस्थितियां जरूर विपरीत थीं। विधान पार्षद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बनाया था, वह सम्मान था। टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी छोड़ने का सवाल नहीं उठा, क्योंकि सीएम के प्रति आस्था में कोई कमी नहीं आयी। लेकिन, जब प्रतिष्ठा पर चोट लगे, तो कैसे संभव है कि टिका जाए। आज राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात हो रही थी, तो उन्होंने बात-बात में ही कह दिया कि पार्टी में रहना है, तो रहिए और निकलना है, तो निकल लीजिए। मुख्यमंत्री के प्रति सम्मान में कमी नहीं आयी है, न आएगी, लेकिन पार्टी में अपमान के बाद बने रहना ठीक नहीं देख इस्तीफा भेज दिया। पार्टी के इस नेतृत्व में वापसी संभव नहीं है।
पार्टी अध्यक्ष ही बेइज्जत करने का ठेका लेकर बैठे हैं
राष्ट्रीय अध्यक्ष के ऐसे बर्ताव से रणवीर नंदन नाराज हो गए थे। इसपर उन्होंने कहा कि यह अपमान मेरा भले ही पहली और अंतिम बार हुआ है, लेकिन पार्टी के कई नेताओं को मैं मौजूदा अध्यक्ष से अपमान सहता देख रहा हूं। एक आम नेता से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती और यहां तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बेइज्जत करने का ठेका लिए बैठे हैं। ललन सिंह को यह सोचना चाहिए कि मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के साथ ही देशभर के दलों को जोड़ने की मुहिम चला रहे और यह तोड़ने की साजिश रच रहे।
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