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अब शरीर में लक्षण आने से पहले ही चल जाएगा ब्रेस्ट कैंसर का पता

by Rakesh Pandey
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हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर : चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहा है। अब, शरीर में ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण आने से पूर्व ही बीमारी का पता चल
सकेगा। यानी बीमारी विकसित होने से काफी पूर्व ही पकड़ में आ जाएगी। इससे इलाज काफी आसान हो जाएगा और अधिक से अधिक मरीजों की जान बचाई जा
सकेगी। इसके लिए झारखंड के जमशेदपुर स्थित मेहरबाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (एमटीएमएच) में एक अत्याधुनिक 3-डी मैमेग्राफी मशीन लग रही है। इसके माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर का पता लक्षण आने से पूर्व ही चल सकेगा। एमटीएमएच के डायरेक्टर डा. सुजाता मित्रा ने बताया कि इस मशीन की कीमत लगभग तीन करोड़ है, जिसका लाभ 30 अक्टूबर से मिलने लगेगा।

इन लोगों में ब्रेस्ट कैंसर होने का सबसे अधिक खतरा

एमटीएमएच के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. तमोजीत चौधरी कहते हैं कि वर्तमान में ब्रेस्ट कैंसर होने के दो मुख्य कारण सबसे अधिक देखने को मिल रहे हैं। इसमें पहला
जेनेटिक व दूसरा कारण बदलते लाइफ स्टाइल। जेनेटिक मतलब जिनके परिवार के किसी भी सदस्य को यह बीमारी हुई होगी। वहीं, बदलते लाइफ स्टाइल मतलब

उम्र 30 के बाद अवश्य कराएं जांच

डॉ. तमोजीत चौधरी कहते हैं कि जिन लोगों को कैंसर होने का खतरा अधिक होता है उन्हें उम्र 30 के बाद नियमित रूप से कराना चाहिए। चूंकि, अब यह बीमारी कम उम्र में ही बढ़ने लगी है। ऐसे में नई अत्याधुनिक मशीन काफी कारगर साबित होगी। उम्मीद है कि इससे अधिक से अधिक मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।

अभी यह स्थिति है?

डॉ. तमोजीत चौधरी कहते हैं कि अभी ब्रेस्ट कैंसर के 80 प्रतिशत मरीज उम्र 45 से 65 के बीच आता है। वहीं, 20 प्रतिशत मरीज उम्र 40 से नीचे आता है। हालांकि, अब कम उम्र में भी स्तन कैंसर के मामले बढ़ने लगे हैं, जो चिंता का विषय है। ऐसे में इसके रोकथाम को लेकर सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

किस स्टेज में इलाज शुरू होना चाहिए

डॉ. तमोजीत चौधरी कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर को लेकर लोगों में पहले की अपेक्षा जागरूकता बढ़ी है। हालांकि, इस मशीन को आने से अब बीमारी की पहचान और भी
पहले की जा सकेगी। डॉ. तमोजीत चौधरी कहते हैं कि कैंसर का मुख्य चार स्टेज होता है। प्रथम स्टेज के 90 से 95 प्रतिशत मरीज ठीक हो जाते हैं। वहीं, दूसरे स्टेज के 80-85 प्रतिशत मरीज ठीक होते हैं। जबकि तीसरे स्टेज में आते-आते बीमारी गंभीर हो जाती है और जान बचने की संभावना 60 से 65 प्रतिशत हो जाती है। जबकि अंतिम स्टेज यानी चौथा स्टेज में मरीज ठीक नहीं होता है। उसके लाइफ को बढ़ाया जाता है। इस स्थिति में मरीज की मौत कभी भी हो सकती है।

देश के कई राज्यों से आते हैं मरीज

मेहरबाई कैंसर अस्पताल में न सिर्फ झारखंड बल्कि बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से भी मरीज इलाज कराने आते हैं। यहां हर साल हजारों की संख्या में मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर क्या है?

डॉ. तमोजीत चौधरी कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर को हिंदी में स्तन कैंसर कहा जाता है। इसमें महिलाओं के ब्रेस्ट के अंदर कैंसर विकसित हो जाता है। यह महिलाओं में
सबसे अधिक होने वाला कैंसर है लेकिन आजकल यह पुरुषों में भी हो रहा है।

अक्टूबर माह होता है खास

ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मरीजों को देखते हुए हर साल देश में अक्टूबर माह को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान कई तरह के कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक लोग इस कैंसर के प्रति जागरूक हो सकें।

ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण

– ब्रेस्ट के आकार या आकृति में बदलाव।
– ब्रेस्ट या बांह के नीचे गांठ या मोटापन।
– ब्रेस्ट की त्वचा में ढीलापन या सिकुड़ापन।
– ब्रेस्ट नलिका से अधिक दूध या पानी निकलना।
– कंधे के नीचे गांठ जैसी सूजन होना।

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