गिरिडीह: गिरिडीह के प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है।लगातर स्थानीय प्रवासी मजदूरों के मौत की खबर दूसरे प्रदेशों से आती रहती है।शनिवार को डुमरी निवासी रामविलास सिंह नामक अधेड़ प्रवासी मजदूर की मौत मुंबई में हो गई थी। अभी तक उसकी मौत की वजह का पता भी नहीं चल पाया कि रविवार रात को मधुबन निवासी मनोज मिस्त्री की जान गुजरात में सड़क दुर्घटना में चली गई। मौत की सूचना से स्वजनों यहां हाल बेहाल हैं।
दूसरे देश और प्रदेशों में प्रवासी मजदूर आजीविका के लिए जाते हैं।इसी क्रम में गिरिडीह जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के धावाटांड़ के बरमसिया निवासी स्वर्गीय रघु मिस्त्री के 40 वर्षीय पुत्र मनोज मिस्त्री रविवार रात को समान लेने बाजार गया था। तभी बाजार से लौटते समय अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गयी। मौत की सूचना मिलते ही परिजन सकते में हैं। गांव वाले भी शोक में हैं।
मनोज मिस्त्री गुजरात में प्लांट में मजदूर के रूप में कार्यरत था।मृतक मनोज मिस्त्री घर का एकलौता कमाऊ व्यक्ति था। मौत से बालिग पुत्री सरिता कुमारी,सविता कुमारी और पुत्र राजेश मिस्त्री बेसहारा हो गया है।प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली संवेदना मौत की जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है।
इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गए प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले में है। रोजी कमाने को मजदूर अपना घर छोड़कर परदेस जाते हैं। फिर दुखद अंत की खबरें मिलती है। उन्होंने सरकार से रोज़गार की व्यवस्था की मांग की ताकि मजदूरों को झारखंड से पलायन करना न पड़े।