राउरकेला (ओडिशा): बिसरा पब्लिक एक्शन कमेटी ने आज सुबह 6 बजे से ओडिशा के सुंदरगढ़ जिला अंतर्गत बिसरा रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन कारण सुबह से ही हावड़ा-मुम्बई रेल मार्ग में ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया है। आंदोलनकारियों ने कोराना से पहले जिन ट्रेनों का ठहराव बिसरा स्टेशन में हो रहा था उन्हें पुनः बहाल करने की मांग को लेकर अनिश्चितकाल के लिए बंद का आह्वान किया था।
कोरोना से पहले इन ट्रेनों का होता था स्टॉपेज
कोरोना महामारी से पहले बिसरा रेलवे स्टेशन पर उत्कल एक्सप्रेस, समलेस्वरी एक्सप्रेस, इस्पात एक्सप्रेस, तपस्विनी एक्सप्रेस, बोकारो-अलेपी एक्सप्रेस जैसी यात्री ट्रेनों का ठहराव होता था। कोरोना संक्रमण फैलने पर इन ट्रेनों को बंद कर दिया गया था। यह स्थिति दो साल से अधिक समय से बनी हुई है। इसके लिए बिसरा के लोगों ने विभिन्न स्तरों पर आवेदन कर अपनी मांगों को रखा। असफल होने के बाद रेल रोकने का कदम उठाया गया है।
एक माह पूर्व ही की थी रेल रोको की घोषणा
बिसरा एक्शन कमेटी ने रेल रोको की घोषणा एक माह पहले ही कर दी थी। हालांकि शनिवार को रेलवे विभाग के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को लेकर वार्ता हुई थी। वार्ता विफल होने के बाद सोमवार से रेल रोको का निर्णय लिया गया। मुख्य आंदोलन स्थल पर बिसरा पब्लिक एक्शन कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप राउतराय, बिसरा सरपंच सूरज नायक, सीटू के सचिव सुरेंद्र दास, पूर्व विधायक जॉर्ज तिर्की समेत सैकड़ों लोग ट्रेन लाइन पर मौजूद हैं।
बाजार बंद कर व्यापारी भी आंदोलन में हुए शामिल
बिसरा बाजार बंद कर बिसरा के व्यापारी संगठन भी आंदोलन में शामिल हो गए हैं रेल रोको के कारण सुबह चलने वाली ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। पूर्व विधायक जार्ज तिर्की और बिसरा एक्शन कमिटी की ओर से सोमवार से अनिश्चित काल के लिए रेल रोको आंदोलन शुरू किया गया है।
जिले का सबसे पुराना स्टेशन है बिसरा
गौरतलब है कि बिसरा रेलवे स्टेशन जिले का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है। यहां से चूना पत्थर को उडुसु अंचल से केंद्र सरकार के विभिन्न औद्योगिक इकाइयों तक परिवहन किया जाता था। यह क्षेत्र धीरे-धीरे एक बड़ा व्यावसायिक केंद्र बन गया है। इस कारण भी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव बंद करने का विरोध किया जा रहा है।
सुबह छह बजे शुरू हुआ आंदोलन, अड़े रहे लोग
बिसरा पब्लिक एक्शन कमेटी ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार सोमवार सुबह बिसरा रेलवे स्टेशन में रेल रोको आंदोलन की शुरुआत कर दी। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने पूर्व विधायक जॉर्ज तिर्की पूर्व विधायक हालु मुंडारी, बीजद नेता प्रदीप राउतराय, बिसरा सरपंच सूरज नायक, वामपंथी नेता सुरेंद्र दास की अगवाई में या आंदोलन शुरू किया। सोमवार को सुबह छह बजे से शुरू हुआ आंदोलन दोपहर तक तक जारी था। कमेटी के लोगों का कहना था कि रेलवे उनकी मांगों को मान ले तो वे तत्काल आंदोलन समाप्त कर लेंगे।
सुरक्षा के किए गए हैं व्यापक इंतजाम
हालांकि रेलवे की ओर से बातचीत की पहल शुरू नहीं हुई थी। भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम बिसरा रेलवे स्टेशन में किए गए हैं। रेल सुरक्षा बल सहित अन्य सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है खबर लेकर जाने तक किसी प्रकार की कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी।
चक्रधरपुर के डीआरम के समझ भी उठाई गई थी मांग
ट्रेनों का दोबारा से ठहराव कराने की लंबे समय से मांग चल रही है। पिछले दिनों कमेटी ने चक्रधरपुर रेलवे मंडल कार्यालय जाकर डीआरएम को अपनी मांगों से अवगत कराया था। इसके लिए समय सीमा भी दी गई थी। इसके बावजूद ट्रेनों का ठहराव नहीं हो पाया। इसके बाद कमेटी ने 30 अक्टूबर से आंदोलन करने की घोषणा की थी।
स्टेशन के साथ बिसरा शहर में भी बंद का असर
केवल रेलवे स्टेशन ही नहीं बल्कि बिसरा शहर में भी इस बंद का पालन किया जा रहा है। यानि आम लोग भी बंद के समर्थन में हैं। बंद का असर राउरकेला राजगंगपुर जैसे स्टेशनों में भी देखने को मिल रहा है। बिसरा हावड़ा मुंबई रेल मार्ग में पड़ता है लिहाजा इस मार्ग से होकर गुजरने वाली सभी ट्रेनों पर आंदोलन का असर पड़ेगा।