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चीन में फ्लू को लेकर भारत सरकार अलर्ट, जाने यह नई बीमारी किस प्रकार लोगों को ले रहा अपनी चपेट में

by Rakesh Pandey
चीन में फ्लू को लेकर भारत सरकार अलर्ट
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हेल्थ डेस्क । चीन में इन दिनों बच्चों में माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू फैलने के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इस मामले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चिंता जताते हुए कहा है कि उसने चीन से संबंधित बीमारी के संबंध में जानकारी मांगी है। सको लेकर भारत सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गयी है।

सरकारी रिपोर्ट पर गौर करें तो केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर अस्पताल की तैयारियों की समीक्षा करने के सख्‍त निर्देश दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय चीन में बच्चों में फैली सांस की बीमारी के मामलों में वृद्धि पर करीब से नजर रख रहा है।

चीन ने गंभीर वायरस होने से किया इंनकार :
वहीं चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि फ्लू और अन्य ज्ञात रोगाणुओं के कारण हुई है, न कि किसी नये वायरस के कारण। चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का ध्यान आकर्षित किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि श्वसन संबंधी संक्रमण के हालिया मामले इन्फ्लूएंजा वायरस, राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस या आरएसवी, एडेनोवायरस के साथ-साथ माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया जैसे सामान्य जीवाणुओं के कारण हुए हैं, जो श्वसन पथ के संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं।

बच्चों एवं बुजुर्गों के बीच टीकाकरण पर जोर दे रहा चीन :
मंत्रालय ने स्थानीय अधिकारियों से बुखार के इलाज के लिए अधिक से अधिक क्लीनिक खोलने और बच्चों एवं बुजुर्गों के बीच टीकाकरण को बढ़ावा देने का आह्वान किया, क्योंकि चीन कोविड-19 महामारी के कारण लगे प्रतिबंध के हटने के बाद पहली सर्दियों में श्वसन संबंधी बीमारियों की तीव्र लहर से जूझ रहा है। मंत्रालय के प्रवक्ता मी फेंग ने कहा कि प्रासंगिक क्लीनिक और उपचार केंद्र खोलने, सेवा के घंटे बढ़ाने और दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी और स्थानीय अधिकारियों से स्कूलों तथा नर्सिंग होम जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर बीमारियों को फैलने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।

चीन में फ्लू को लेकर भारत सरकार अलर्ट

डब्ल्यूएचओ ने इस सप्ताह की शुरुआत में औपचारिक रूप से अनुरोध किया था कि चीन बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों और निमोनिया में चिंताजनक बढ़ोतरी के बारे में जानकारी प्रदान करे, जैसा कि कई मीडिया रिपोर्ट और एक वैश्विक संक्रामक रोग निगरानी सेवा द्वारा उल्लेख किया गया है। चीनी अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि के लिए कोविड-19 संबंधी लॉकडाउन प्रतिबंध हटाने को जिम्मेदार ठहराया था। इस प्रतिबंध के समाप्त होने पर अन्य देशों में भी आरएसवी जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों में उछाल देखा गया था।

अस्पताल में तेजी से बढ़ रहे श्वांस के मरीज :
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक टेलीकांफ्रेंस के दौरान अनुरोधित डेटा प्रदान किया। अक्टूबर के बाद से जीवाणु संक्रमण, आरएसवी, इन्फ्लूएंजा और सामान्य जुकाम वायरस सहित विभिन्न बीमारियों के कारण बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में वृद्धि देखी गयी है। डब्लूएचओ के मुताबिक, चीनी अधिकारियों का दावा है कि मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण देश के अस्पतालों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ा है।

चीन से और अधिक डेटा उपलब्ध कराने का अनुरोध :
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के लिए सार्वजनिक रूप से विभिन्न देशों से अधिक विस्तृत जानकारी मांगना दुर्लभ है, क्योंकि ऐसे अनुरोध आमतौर पर आंतरिक रूप से किए जाते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय कानूनी तंत्र के माध्यम से चीन से और अधिक डेटा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बच्चों में सांस की बीमारी के बारे में रिपोर्ट किए गए मामलों के जोखिम का सही आकलन करने के लिए फिलहाल बहुत कम जानकारी है।

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