नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE ) बोर्ड परीक्षा 2024 से पहले बोर्ड काफी समय से चली आ रही एक प्रथा को खत्म करने का फैसला लिया है। बोर्ड,10वीं-12वीं की मार्कशीट पर किसी भी छात्र को कोई डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं देगा। अब रिजल्ट में सिर्फ CGPA (कम्युलेटिव ग्रेड पॉइंट एवरेज) यानी ग्रेड पॉइंट्स ही मिलेंगे।
रिजल्ट से परसेंटेज हटाए जाने के फैसले पर CBSE के एग्जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने कहा कि ऐसा करने से ट्रेडिशनल ग्रेडिंग सिस्टम खत्म होगा। अब हम सभी सब्जेक्ट्स के मार्क्स को जोड़कर परसेंटेज निकालकर रिजल्ट कैलकुलेट करने की बजाय हर सब्जेक्ट में स्टूडेंट ने कैसा परफॉर्म किया है इस पर फोकस करने जा रहे हैं। इसका मतलब ये है कि ओवरऑल परसेंटेज की बजाय अब हर सब्जेक्ट के लिए अलग-अलग ग्रेड दिए जाएंगे और उनके एवरेज से CGPA कैलकुलेट किया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि इससे पहले 10वीं में इस सिस्टम काे लागू किया गया था। लेकिन बाद में इसे हटा लिया गया था। लेकिन अब हम इसे नए सिरे से लागू करने जा रहे हैं।
स्टूडेंट काे हाेगी आसानी :
सीबीएसई की ओर से कहा गया है कि एक जैसे ग्रेडिंग सिस्टम होने से एडमिशन देने वाले इंस्टीट्यूट्स को आसानी होगी। किसी भी इंस्टीट्यूट को मेरिट लिस्ट तैयार करने के लिए परसेंटेज को किसी भी और यूनिट में बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कोई इंस्टीट्यूट चाहे तो एडमिशन प्रोसेस के लिए खुद परसेंटेज कैलकुलेट कर सकता है। अगर किसी स्टूडेंट ने 5 से ज्यादा सब्जेक्ट्स लिए हों और इंस्टीट्यूट में एडमिशन प्रोसेस के लिए परसेंटेज होना जरूरी है तो स्टूडेंट के चुने गए सब्जेक्ट्स में से बेस्ट ऑफ फाइव सब्जेक्ट्स चुनकर उस ग्रेड पर एडमिशन देने की जिम्मेदारी इंस्टीट्यूट की होगी।
नौकरी देने वाली संस्था खुद करेगी गणना
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक भारद्वाज ने कहा कि बोर्ड अंकों के प्रतिशत की गणना, घोषणा या सूचना नहीं देता है। उन्होंने कहा की अगर हायर एजुकेशन या रोजगार के लिए मार्क्स के प्रतिशत जरूरत है, तो इंस्टीट्यूट या नौकरी देने वाला खुद मार्क्स की गणना कर सकते है। बोर्ड ने मार्क्स को ज्यादा को लेकर मची होड़ और अनहेल्दी कॉम्पिटिशन से बचने के लिए ये फैसला लिया है। इससे पहले, सीबीएसई ने अनहेल्दी कॉम्पिटिशन से बचने के लिए मेरिट लिस्ट जारी करने की प्रथा को भी खत्म कर दिया था।
एक्सपर्ट्स बोले- बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए पॉजिटिव कदम लिया गया
एकेडमिक एक्सपर्ट्स ने CBSE के इस फैसले को सही बताया है। फरीदाबाद के मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर संयोगिता शर्मा ने इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसा करने से बच्चों पर रिजल्ट और अच्छा परफॉर्म करने का प्रेशर कम होगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, NEP 2020 के तहत भी इसी लक्ष्य पर काम कर रहे हैं कि बच्चों के लिए पढ़ाई को पहले से ज्यादा मजेदार और सरल बनाया जा सके। एग्जाम और रिजल्ट का बच्चों की मेंटल हेल्थ पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे में ये एक पॉजिटिव चेंज है। इससे अब स्टूडेंट्स सिर्फ मार्क्स के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि ओवरऑल लर्निंग पर भी ध्यान दे पाएंगे।
2023 में CBSE ने नहीं जारी की थी मेरिट लिस्ट, टॉपर्स के नाम:
पिछले साल बच्चों पर रिजल्ट का प्रेशर कम करने के लिए CBSE ने 10वीं और 12वीं के रिजल्ट डिक्लेयर करते हुए मेरिट लिस्ट जारी नहीं की थी। वहीं, बोर्ड की तरफ से 10वीं और 12वीं के टॉपर्स की घोषणा भी नहीं की गई थी।
15 फरवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं लगभग 55 दिनों में आयोजित की जाएंगी। बोर्ड द्वारा जारी एक आधिकारिक नोटिस के मुताबिक सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए शैक्षणिक वर्ष 2023-24 की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2024 से आयोजित करेगा। 10वीं की परीक्षा 21 मार्च और 12वीं की परीक्षा 5 अप्रैल 2024 तक खत्म होने की उम्मीद है। हर साल 35 से 40 लाख स्टूडेंट 10वीं और 12वीं करने के लिए सीबीएसई में अपना रजिस्ट्रेशन कराते हैं। बोर्ड, परीक्षा से उचित समय पहले अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डेटशीट जारी करता है।