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प्राण प्रतिष्ठा के बाद 76,500 कार्यकर्ताओं को रामलला के दर्शन कराएगा ट्रस्ट

by Rakesh Pandey
कार्यकर्ताओं को रामलला के दर्शन कराएगा ट्रस्ट
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रांची : अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विहिप और संघ के अन्य अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को रामलला के दर्शन कराने की विशेष व्यवस्था की गई है। इसके लिए 26 जनवरी से लेकर 21 फरवरी तक 20 अलग-अलग दिन तय किए गए हैं, जिनमें देश के सभी प्रांतों से 76,500 कार्यकर्ताओं को दर्शन कराए जाएंगे। कार्यक्रम के अनुसार निर्धारित तिथि पर निर्धारित संख्या में कार्यकर्ताओं को अयोध्या पहुंचना है और रामलला के दर्शन कर लौट जाना है। इन कार्यकर्ताओं को अयोध्या पहुंचाने तथा वापस अपने स्थान तक भेजने के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की जा रही है।

कार्यकर्ताओं को रामलला के दर्शन कराएगा ट्रस्ट

बताया जा रहा है कि सभी कार्यकर्ता यात्रा का खर्च स्वयं वहन करेंगे, जबकि अयोध्या में दर्शन करने, रहने और भोजन की व्यवस्था ट्रस्ट की ओर से की जाएगी। सूत्रों के अनुसार 26 जनवरी को ब्रज प्रांत के दो हजार और उत्तराखंड के 1500 कार्यकर्ताओं को दर्शन कराने के साथ इसकी शुरुआत की जाएगी। झारखंड से दो हजार कार्यकर्ता तीन फरवरी को अयोध्या पहुंचेंगे। उसी दिन दक्षिण बिहार से भी दो हजार कार्यकर्ता जाएंगे। बता दें कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यजमान की भूमिका में होंगे। वहीं, आरएसएस के सरसंघचालक डाक्टर मोहन भागवत सहित देश के प्रमुख संत और अन्य प्रमुख लोग भी उपस्थित रहेंगे।

इस संबंध में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य व विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामेश्वर चौपाल ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में संगठन के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में तो सभी को बुलाया जा नहीं सकता है। इसलिए 26 जनवरी से सभी प्रांतों के कार्यकर्ताओं के लिए दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए अलग-अलग तिथि निर्धारित की गई है।
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कार्यकर्ताओं के अयोध्या पहुंचने की तिथि और संख्या
26 जनवरी-ब्रज प्रांत से 2000 व उत्तराखंड से 1500 कार्यकर्ता , 27 जनवरी-मेरठ से 2000 व चितौड़ से 2000 कार्यकर्ता, 28 जनवरी-जोधपुर से 1500 व जयपुर से 1500 कार्यकर्ता , 30 जनवरी-पंजाब से 1500, हिमाचल से 1500 व जम्मू-कश्मीर से 1000 कार्यकर्ता, 31 जनवरी- दिल्ली से 2000 व हरियाणा से 2000 कार्यकर्ता , दो फरवरी- उत्तर बिहार से 2000 व नेपाल से 300 कार्यकर्ता, तीन फरवरी- झारखंड से 2000, दक्षिण बिहार से 2000, पांच फरवरी-मालवा से 2500, छत्तीसगढ़ से 2000, छह फरवरी-मध्य भारत से 2500, महाकौशल से 2500, आठ फरवरी-कानपुर से 2000, अवध से 2000, नौ फरवरी-काशी से 2000, गोरक्ष प्रांत से 2000, 11 फरवरी- पूर्व ओडिशा से 1500, पश्चिम ओडिशा से 1500, 12 फरवरी- दक्षिण बंग से 1500, मध्य बंग से 1500, उत्तर बंग से 1500, सिक्किम से 50 व अंडमान से 50, 13 फरवरी- दक्षिण गुजरात से 1500, उत्तर गुजरात से 1500, सौराष्ट्र से 1500, 14 फरवरी – कोंकण से 2000, विदर्भ से 2000, 16 फरवरी- पश्चिम महाराष्ट्र से 2000, देवगिरी से 1500, असम से 1500, 17 फरवरी- दक्षिण असम से 500, त्रिपुरा से 500, मणिपुर से 300, अरुणाचल 300, 18 फरवरी-दक्षिण कर्नाटक से 2000, उत्तर कर्नाटक से 1500, 19 फरवरी-दक्षिण आंध्र से 1000, उत्तर आंध्र से 1000, तेलंगाना से 2000 और 21 फरवरी-केरल से 2000, उत्तर तमिलनाडु से 2000 व दक्षिण तमिलनाडु से 1000 कार्यकर्ता ।

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