दरभंगा (बिहार)/ नई दिल्ली। Lok Sabha Security Breach: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने की घटना के मुख्य आरोपी और कथित मास्टरमाइंड ललित झा के पिता देवानंद झा ने कहा है कि जब उन्हें 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में उनके बेटे की संलिप्तता के बारे में पता चला तो वे आश्चर्यचकित रह गए। संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों में शामिल ललित झा मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले का रहने वाला है। उसका पैतृक आवास दरभंगा जिले के अलीनगर प्रखंड के रामपुर उदय गांव में है।
बचपन से ही बहुत अच्छा छात्र रहा है ललित
ललित झा के पिता देवानंद झा ने संवाददाताओं से कहा कि हमलोग नहीं जानते कि यह कैसे हुआ। वह पहले कभी किसी अपराध में शामिल नहीं था। वह बचपन से ही बहुत अच्छा छात्र था। मुझे पता था कि वह गैर सरकारी सगंठन (एनजीओ) के साथ काम कर रहा है। कभी सोचा नहीं था कि वह इस तरह की घटना में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि हमलोग ललित से आखिरी बार 10 दिसंबर को मिले थे जब हम कोलकाता से अपने गृहनगर दरभंगा के लिए निकले थे। (Lok Sabha Security Breach)
50 वर्षों से कोलकाता में रह रहा ललित का परिवार
हमलोग पिछले 50 वर्षों से कोलकाता में रह रहे हैं। लेकिन हर साल छठ पूजा पर हम अपने पैतृक गांव रामपुर उदय जाते हैं। इस बार हमलोग छठ पूजा पर अपने गांव नहीं जा सके थे। 10 दिसंबर को कोलकाता से हम सभी ने दरभंगा के लिए ट्रेन पकड़ी। ललित हमारे साथ नहीं आया। देवानंद झा ने कहा कि अगले ही दिन उसने बताया कि वह किसी काम से दिल्ली जा रहा है। उसने हमें कभी काम के बारे में नहीं बताया। जब हमें 13 दिसंबर के संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में उसकी संलिप्तता व गिरफ्तारी के बारे में पता चला तो हम वास्तव में चौंक गए।
मुझे कुछ सत्यापन और स्पष्टीकरण के लिए दिल्ली पुलिस से भी फोन आया है। मैंने उन्हें सबकुछ बताया है।
आरोपियों पर लगाया गया यूएपीए (Lok Sabha Security Breach)
उन्होंने कहा कि दरभंगा पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने भी आज हमारे पैतृक घर का दौरा किया और मेरी पत्नी सहित मुझसे मुलाकात की। ललित झा के छोटे भाई सोनू झा ने भी पत्रकारों से कहा कि परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि ललित इस तरह की गतिविधियों में शामिल होगा। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले के कथित मास्टरमाइंड ललित झा को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
21 साल बाद एक बार फिर संसद बना निशाना, उठे सवाल
2001 के संसद आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन के मामले में दो व्यक्ति सागर शर्मा और मनोरंजन डी बुधवार को शून्यकाल के दौरान आगंतुक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और पीले रंग की गैस छोड़ी। (Lok Sabha Security Breach) सांसदों द्वारा काबू किये जाने से पहले उन्होंने कनस्तर फेंके और नारे लगाए थे। इस घटना के बाद देश के लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर ये युवक संसद भवन को क्यों निशाना बनाया?
इन युवकों की क्या मंशा थी? वो केंद्र सरकार को क्या मैसेज देना चाहते हैं? उनमें सरकार को लेकर इतना रोष क्यों है? इन सब बातों की जांच शुरू हो गयी है। वहीं संसद की सुरक्षा को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष में दकराव जारी है।