जमशेदपुर : प्रभु यीशु के जन्मोत्सव का समय करीब आ चुका है। Christmas में अब सिर्फ एक दिन ही शेष है। ऐसे में बाजार में रौनक बढ़ने के साथ-साथ जमशेदपुर के सभी गिरजाघरों को भी विशेष रूप से रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। सबसे भव्य तैयारी गोलमुरी स्थित सेंट जोसेफ चर्च में चल रही है। यहां पर इसाई समुदाय के लोगों की सबसे अधिक भीड़ होती है। वहीं, बिष्टुपुर स्थित बेल्डीह चर्च को भी विशेष रूप से सजाया गया है।
Christmas:गिफ्ट आइटम, सजावटी सामान की बाजार में भरमार
बाजारों में भी Christmas को लेकर रौनक साफ नजर आ रही है। लोगों की मांग को देखते हुए बाजारों में रंग-बिरंगे गिफ्ट मिल रहे हैं। बच्चे से लेकर युवा व महिला सबसे के लिए अलग-अलग किस्म के गिफ्ट बाजार में मौजूद हैं। बिष्टुपुर के गिफ्ट दुकानों में लोग सबसे अधिक Christmas Tree, घरों को सजाने वाले आइटम, Christmas Card व बच्चों की ड्रेस पसंद कर रहे हैं। हालांकि, बाजार में 40 से अधिक तरह की गिफ्ट लोगों के लिए मौजूद हैं।

Chrismtas 2023
99 रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक Christmas Tree
वैसे तो बाजार में Christmas को लेकर तमाम प्रकार के आइटम मौजूद हैं और लोग अपने-अपने हिसाब से खरीदारी कर रहे हैं। इसमें बच्चों का खिलौना, पेंसिल बाक्स, परफ्यूम, कैंडल स्टैंड, फोटो फ्रैम, Christmas Card, चाकलेट सहित अन्य शामिल हैं। सबसे अधिक लोग Christmas Tree की खरीदारी कर रहे हैं। Christmas Tree 99 रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक का बाजार में मौजूद हैं। 25 दिसंबर को Christmas Tree, व Card देने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है।

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केक बाजार भी हुआ गुलजार
Christmas को लेकर केक बाजार भी गुलजार हो गया है। शहर के बेकरी दुकानों में आर्डर देने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है। दुकानों में आफलाइन के साथ-साथ आनलाइन आर्डर भी लिए जा रहे हैं। इन आर्डरों का भुगतान आनलाइन, नकद व पेटीएम से किया जा रहा है। Christmas में भीड़ को देखते हुए एक माह पहले से ही केक बनाने के आर्डर लिए जा रहे हैं। शहर की विभिन्न बेकरियों में फ्रूट केक, पाम केक, प्लेन केक, चाकलेट केक, काफी केक, सीड केक, रम केक के भी आर्डर लिए जा रहे हैं।
Christmas: केक का रेट
– ब्लैक फॉरेस्ट (बटर क्रीम) : 150-750 रुपये
– चॉकलेट केक : 250-800 रुपये
– चोको चिप्स केक : 300-900 रुपये
– वुडेन केक : 300-1000 रुपये
– व्हाइट फोरेस्ट : 250-750 रुपये
– चाकलेट वनीला : 250-800 रुपये
– पाइनएप्पल : 200-700 रुपये
– स्ट्राबेरी : 200-600 रुपये
– ओरेंज ब्लू बेरी : 200-800 रुपये
Christmas में चरनी का होता खास महत्व
गोलमुरी महागिरजाघर के फादर एडविन कोइलो ने बताया कि पर लोगों के घरों और गिरिजाघरों में चरनी बनाई जाती है। चरनी में प्रभु यीशु के जन्म स्थल की सुंदर झांकी तैयार की जाती है, ताकि लोग उनकी तकलीफों को याद रखें। आज लोग चरनी बनाने में नए प्रयोग कर रहे हैं। कई लोग नए जमाने से जुड़ी किसी थीम का इस्तेमाल भी करते हैं लेकिन अधिकतर चरनी पारंपरिक तरीके से ही बनाई जाती है।
प्रभु यीशु के जन्म की कहानी को इसी माध्यम से दर्शाया जाता है। ईसाई समुदाय के लोगों का मानना है कि ईश्वर की संतान होने के बाद भी प्रभु यीशु ने एक आम इंसान की तरह जन्म लिया। उनका जन्म किसी महल में नहीं, बल्कि एक साधारण गौशाला में हुआ था। सर्द रात में गौशाला में जन्म लेना मानवता के लिए संदेश था कि वह धरती पर आम लोगों के लिए आए हैं।

Chrismtas 2023
चरनी का होता है अपना एक अंदाज
चरनी को बनाते वक्त कागज, लाइट, पत्थर और मिट्टी के सहारे पहाड़, गौशाला, येरूशलम का महल और आसपास के गांव को सजाया जाता है। Christmas के एक हफ्ते पहले से ही घर-घर में कैरोल सिंगिंग की जाती है। समुदाय के लोग घरों में जाकर चरनी के सामने एकत्र होते हैं और गीतों से Christmas की बधाई देते हैं। साथ ही परिवार की सुख शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दौरान कई जगहों पर चरनी पर प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।
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