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स्वच्छ शहरों की रैंकिंग में इंदौर और सूरत ने मारी बाजी, जानिए आपके शहर का हाल…

by Rakesh Pandey
Swachh Sarvekshan
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स्पेशल डेस्क : केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर और सूरत को देश के सबसे स्वच्छ शहर के (Swachh Sarvekshan 2023) रूप में चुना गया है। जबकि, नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा। गुरुवार को घोषित सर्वेक्षण के नतीजों में यह जानकारी दी गई। ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023’ में ‘शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों’ की श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया है. इसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ है।

इंदौर को सातवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार

इंदौर को लगातार सातवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य मौजूद रहे। इसके अलावा, देश के स्वच्छ राज्यों की कैटेगरी में इस बार महाराष्ट्र को पहला, मध्य प्रदेश को दूसरा और छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान मिला। पिछली बार मध्य प्रदेश पहले स्थान पर था।

वहीं, गंगा किनारे बसे सबसे साफ शहरों में वाराणसी पहले और प्रयागराज दूसरे स्थान पर रहा। दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम Swachh Survekshan Awards में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने इन राज्यों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। मध्य प्रदेश के महू को सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का अवॉर्ड मिला है। बेस्ट सफाई मित्र सुरक्षित शहर का अवॉर्ड चंडीगढ़ को दिया गया।

क्या है Swachh Sarvekshan 2023

बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए शहरों को शहरी स्वच्छता की स्थिति में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक प्रतिस्पर्धी ढांचे के रूप में साल 2016 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 (Swachh Sarvekshan 2023) की शुरुआत की गई थी। पिछले कुछ वर्षों में स्वच्छ सर्वेक्षण विश्व में सबसे बड़े शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के रूप में उभरा है। शहरों के बीच शुरू हुई स्वच्छता (Swachata) की प्रतिस्पर्धा को स्वच्छ सर्वेक्षण ने बड़ा मंच प्रदान किया।

आज हमारे शहर स्वच्छता के पैमाने पर खड़े उतर रहे हैं। स्वच्छता अब महज प्रतियोगिता नहीं, बल्कि शहरी जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है।

किन-किन मानकों पर किया गया सर्वे

यह अभ्यास कस्बों और शहरों के बीच साफ-सफाई और वेस्ट मैनेजमेंट सर्विस में सुधार करने के लिए प्रेरित करता है। MoHUA के अधिकारियों ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण का प्राथमिक लक्ष्य बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना और कस्बों और शहरों को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाने की दिशा में मिलकर काम करने के महत्व के बारे में समाज के सभी वर्गों के बीच जागरूकता पैदा करना है। इस साल सर्वेक्षण का आठवां वर्ष है।

इस दौरान कुल 3,000 मूल्यांकनकर्ताओं ने 46 संकेतकों पर 4,500 से अधिक शहरों का मूल्यांकन किया। इनमें से कुछ संकेतकों में अलग-अलग घर-घर कचरा संग्रहण, जीरो वेस्ट इवेंट, विकलांगों के अनुकूल शौचालय, बेहतर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन शामिल हैं।

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