नई दिल्ली। SIMI Banned : भारत सरकार ने सोमवार (29 जनवरी) को स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध को बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “आतंक को कतई बर्दाश्त नहीं करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए व सिमी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) 1967 की धारा 3(1) के तहत पांच साल की अवधि के लिए ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है।
SIMI Organization पर आरोप
भारत सरकार का कहना है कि सिमी भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल रहा है। यही नहीं सरकार का यह भी कहना है कि सिमी ने 2001 में भारतीय संसद पर हमले, 2002 में गुजरात दंगों और 2008 में मुंबई हमलों सहित कई आतंकवादी हमलों में अपनी भूमिका निभाई है। सिमी पर यह भी आरोप है कि वह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने के लिए भी काम करता है।
सिमी पर प्रतिबंध का इतिहास
SIMI (Students Islamic Movement of India) पर पहली बार 2001 में वाजपेयी सरकार ने प्रतिबंध लगाया था। तब से हर 5 साल में यह प्रतिबंध बढ़ाया जाता रहा है। सिमी पर पिछला प्रतिबंध 31 जनवरी 2019 को समाप्त हो गया था।
सिमी पर प्रतिबंध के मायने
सिमी (SIMI)पर प्रतिबंध का मतलब है कि अब इस संगठन की कोई गतिविधि नहीं होगी। सिमी के सदस्यों को अब इस संगठन से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। सिमी के सदस्यों को अब इस संगठन के नाम पर धन जुटाने या भर्ती करने की अनुमति नहीं होगी।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि सिमी पर प्रतिबंध भारत सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका कहना है कि यह प्रतिबंध भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को रोकने में मददगार साबित होगा।
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