पॉलिटिकल डेस्क, लखनऊ : लोकसभा चुनाव से पहले ही उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल मचा है। (Swami Prasad Maurya) कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा देने वाले दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्र लिखा और इसी के साथ MLC भी छोड़ दी है। उन्होंने अखिलेश यादव पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था।
अखिलेश पर कही ये बात (Swami Prasad Maurya)
सपा से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं साफ-सुथरी राजनीति में विश्वास रखता हूं। अलग होने का कारण वैचारिक मतभेद है। मेरे अखिलेश यादव से वैचारिक मतभेद रहे हैं। मैंने अखिलेश यादव को देखा, वह समाजवादी विचारधारा के खिलाफ जा रहे हैं। मेरे पास मुलायम सिंह यादव के साथ भी काम करने का अनुभव है। वह कट्टर समाजवादी नेता थे। जो लोग उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, वे उनकी विचारधारा पर नहीं चल पा रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
पहले लगाए थे ये आरोप
बता दें कि इससे पहले पिछड़े और दलित राजनीति के प्रमुख चेहरे स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने एक्स पर अखिलेश यादव के नाम लिखा एक ओपन लेटर शेयर कर इस्तीफा दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा था, “एक महासचिव का बयान पार्टी का और एक निजी हो जाता है, ये गौरतलब है।
कुछ छुटभैया नेता जिनकी हैसियत एक भी वोट दिलाने की नहीं है, वो मेरी बातों पर अनापशनाप बयानबाजी करते हैं। अब गेंद राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के पाले में है, चूंकि मैंने बहुजन समाज के सम्मान स्वाभिमान की लड़ाई आज से नहीं शुरुआती दौर से लड़ी है, इस अभियान को आगे भी जारी रखूंगा।”
22 फरवरी को दिल्ली में बुलाई है रैली
24 घंटे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद की नई पार्टी गठित की। उन्होंने नई पार्टी का राष्ट्रीय शोषित समाज रखा। राष्ट्रीय शोषित समाज का गठन करने के साथ पार्टी का झंडा भी सामने आया गया है। नीला, लाल, हरे रंग की पट्टी वाले झंडे के बीच में RSSP लिखा हुआ है। आज उन्होंने सपा से पूरी तरह किनारा होने की घोषणा कर दी।
13 फरवरी को महासचिव पद से त्यागपत्र देने के एक सप्ताह बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा की प्राथमिक सदस्यता के साथ एमएलसी की कुर्सी भी छोड़ दी। 22 फरवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य दिल्ली में एक रैली को संबोधित करेंगे। 22 फरवरी को होने वाली रैली में स्वामी प्रसाद मौर्य आगे की सियासी पारी का एलान कर सकते हैं।