स्पेशल डेस्क : जम्मू-कश्मीर के कठुआ रेलवे स्टेशन से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। (Railway accident) यहां कठुआ रेलवे स्टेशन पर रुकी एक मालगाड़ी अचानक पठानकोट की ओर चल पड़ी। इसके बाद बिना ड्राइवर के ट्रेन करीब 84 किलोमीटर तक दौड़ती रही। जम्मू से चली इस ट्रेन को कड़ी मशक्कत के बाद पंजाब में रोका गया।
84 किलोमीटर तक का तय किया सफर
घटना रविवार सुबह करीब 7:10 बजे की बताई जा रही है। यहां जम्मू-कश्मीर के कठुआ में ट्रेन ड्राइवर ने मालगाड़ी संख्या 14806R को रोका और उतरकर चाय पीने चला गया। इसी दौरान ट्रेन अचानक चल पड़ी। ढलान होने के कारण ट्रेन स्पीड पकड़कर दौड़ने लगी। इसके बाद ट्रेन 84 किलोमीटर तक बिना ड्राइवर को चलती रही।
रेलवे निर्माण के लिए ले जा रही थी सामग्री
मालगाड़ी रेलवे निर्माण के लिए सामग्री ले जा रही थी। सूत्रों की मानें, तो ड्राइवर नीचे उतरने से पहले हैंड ब्रेक लगाना भूल गया था और इस दौरान यह घटना घट गई। रेलवे सूत्रों के अनुसार, ऐसा लगता है कि जब पिछला दल चला गया और नया दल कार्यभार संभाल रहा था, तभी रेलगाड़ी का केबिन असुरक्षित हो गया था। यह घटना ऊंची बस्सी स्टेशन पर हुई। मालगाड़ी रेलवे निर्माण के लिए सामग्री ले जा रही थी।
जानिए अधिकारियों ने क्या कहा
जम्मू रेलवे स्टेशन के निदेशक और मंडल यातायात प्रबंधक, प्रतीक श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान उन्होंने ट्रेन को रोकने के कई प्रयास किए, लेकिन सभी विफल रहे। अंत में वे यात्री ट्रेनों के ड्राइवरों और कर्मचारियों की मदद से इसे दसूहा के पास ऊंची बस्सी क्षेत्र में रोकने में सफल हुए। विशेष रूप से, विपरीत दिशा से कोई अन्य ट्रेन अपने ट्रैक पर नहीं थी, जिससे एक बड़ा हादसा होने से बच गया। बताया जा रहा है कि इस घटना में किसी के हताहत होने या किसी को कोई चोट लगने की सूचना नहीं है।
(Railway accident)
रेलवे विभाग ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। घटना की जांच की जा रही है। अधिकारी ने कहा, “फिलहाल, हम घटना के पीछे के कारणों की जांच कर रहे हैं। स्थानीय जांच के अलावा, रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं। हम विस्तृत जांच करेंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे। साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना भविष्य में न हो।”
अधिकारियों ने रेलवे कर्मियों की सराहना की
उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मालगाड़ी बिना लोको पायलट के थी। पठानकोट की ओर ढलान होने के कारण ट्रेन अपने आप चलने लगी और धीरे-धीरे 100 किमी प्रति घंटे तक की गति पकड़ ली। श्रीवास्तव ने कहा, “अब लोको पायलट इंजन पर क्यों नहीं था और ट्रेन अपने आप कैसे चलने लगी, इन सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।”
उन्होंने कहा, “हमने सभी स्टेशनों को सतर्क किया और पूरे स्टाफ को तैनात कर दिया। ट्रेन को किसी भी दुर्घटना से बचाने और उसे सुरक्षित पड़ाव पर लाने के लिए एक रेल ट्रैक तैयार किया गया। हम सफल हुए और ट्रेन को आखिरकार मुकेरियां के उच्छी बस्सी में रोक दिया गया।” श्रीवास्तव ने बिना किसी हादसे के ट्रेन रोके जाने के लिए स्टाफ की सराहना की है।
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