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कौन हैं ‘मिशन दिव्यास्त्र’ बनाने वाली महिला वैज्ञानिक , जिन्हें दुनिया कह रही दिव्य पुत्री

by Rakesh Pandey
Missile Rani
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नेशनल डेस्क, नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने 11 मार्च को अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। (Missile Rani) यह मिसाइल मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल यानी एमआईआरवी टेक्नोलॉजी से लैश है। इसे देश में ही तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अग्नि-5 की सफल लॉन्चिंग पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। इसे ‘मिशन दिव्यास्त्र’ नाम दिया गया। इस मिशन के पीछे मिसाइल रानी के नाम से मशहूर आर शीना रानी का अहम योगदान रहा।

प्रधानमंत्री ने दी बधाई (Missile Rani)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इस परियोजना का नेतृत्व डीआरडीओ की एक महिला वैज्ञानिक ने किया, जिसमें अन्य महिला वैज्ञानिक भी शामिल थीं। शंकरी चन्द्रशेखरन परियोजना निदेशक थीं, जबकि शीना रानी अग्नि-5 की कार्यक्रम निदेशक थीं।

पीएम मोदी ने अग्नि-5 मिसाइल के विकास में लगी टीम को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने अग्नि-5 मिसाइल को ‘मिशन दिव्यास्त्र’ कहा है। इस मिसाइल की मारक रेंज में पड़ोसी चीन और पाकिस्तान ही नहीं, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से भी शामिल है।

शीना रानी ने किया अग्नि-5 मिसाइल के विकास का नेतृत्व

डीआरडीओ की उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला में शीना रानी ने एमआईआरवी तकनीक से लैस अग्नि-5 मिसाइल के विकास का नेतृत्व किया। तीन चरणों वाले ठोस ईंधन इंजन द्वारा संचालित इस मिसाइल की मारक क्षमता 5,000 किमी से अधिक है। कई हथियार ले जाने में सक्षम एमआईआरवी पारंपरिक एकल-वारहेड मिसाइलों की तुलना में अधिक विनाशकारी क्षमता रखते हैं।

डीआरडीओ ने अग्नि मिसाइल शृंखला के अन्य वेरिएंट भी विकसित किए हैं, जिनमें 700 किमी की रेंज वाली अग्नि-1,2,000 किमी की रेंज वाली अग्नि-2, 3,000 किमी की रेंज वाली अग्नि-3 और 4,000 किमी की रेंज वाली अग्नि-4 शामिल हैं।

पावर हाउस ऑफ एनर्जी नाम से जानी जाती है

57 साल की शीना रानी, हैदराबाद में DRDO की हाईटेक लैब में वैज्ञानिक के रूप में काम कर रही हैं। मेहनत और लगन की वजह से इन्हें सहकर्मी ‘पावर हाउस ऑफ एनर्जी’ नाम से बुलाते हैं। शीना रानी ‘अग्नि पुत्री’ के नाम से मशहूर ‘मिसाइल वुमेन टेसी थॉमस’ को अपना आइडल मानती हैं। ‘मिशन दिव्यास्त्र’ का नेतृत्व शीन रानी ने किया। साल 1999 से शीना ‘अग्नि मिसाइल’ प्रणालियों पर काम कर रही हैं। डीआरडीओ में शीना रानी बीते 25 सालों से काम कर रही हैं।

कौन हैं शीना रानी?

डीआरडीओ की साइंटिस्ट शीना रानी साल 1999 से अग्नि मिसाइल सिस्टम के विकास कार्य में लगी हुई है। वहीं, कई लोग मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी वाली अग्नि-5 मिसाइल के विकास में शीना का प्रमुख रोल मानते है। एनडीटीवी के अनुसार, शीना रानी कहती हैं, ”मैं DRDO की एक प्राउड मेंबर हूं, जो भारत की रक्षा में मदद करती है।” शीना भारत के ‘मिसाइल मैन’ कहे जाने वाले साइंटिस्ट पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानती हैं।

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