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अमेरिका में प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू, जानिए इसके बारे में

by Rakesh Pandey
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पॉलिटिकल डेस्क : America presidential  debate live; अमेरिका में इस साल 5 नवंबर को राष्ट्रपति के चुनाव होने हैं। शुक्रवार को अमेरिका में पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हो रही है। इसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन आमने-सामने हैं। प्रेसिडेंशियल डिबेट भारत के समय के हिसाब से शुक्रवार सुबह 7 से 8 बजे शुरू हुआ। वहीं बता दें कि 64 साल बाद इस डिबेट को टीवी स्टूडियो में ऑर्गनाइज कराया जा रहा है।

 

इस बार कमीशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट आयोजित नहीं कर रहा है, क्योंकि इस पर दोनों पक्षों को आपत्ति थी। वहीं अटलांटा में मीडिया नेटवर्क सीएनएन पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट को होस्ट कर रहा है। इसके अलावा सीबीएस और सीबीएस न्यूज 24/7 पर भी प्रेसिडेंशियल डिबेट की स्ट्रीमिंग की जा रही है। दूसरे नेटवर्क पर भी इसे एक साथ प्रसारित किया जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव से पहले सितंबर में दूसरी डिबेट होगी। इसके साथ ही दूसरी डिबेट को एबीसी मीडिया नेटवर्क होस्ट करेगा।

 

प्रेसिडेंशियल डिबेट राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए क्यों है महत्‍वपूर्ण

अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रेसिडेंशियल डिबेट की बहुत अहमियत है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उम्मीदवारों के बीच अहम मुद्दों पर बहस कराई जाती है। इसके आधार पर मतदाता उम्मीदवारों को लेकर अपनी राय बनाते हैं। चुनाव से पहले ऐसी दो डिबेट कराई जाती है। वहीं पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट डेमोक्रेटिक पार्टी के जॉन एफ कैनेडी और रिपब्लिकन पार्टी के रिचर्ड निक्सन के बीच हुई थी। साल 1960 के चुनाव में निक्सन हार गए और कैनेडी राष्ट्रपति बने थे।

 

डिबेट में भाग लेने की क्या है योग्यता

प्रेसिडेंशियल डिबेट में हिस्सा लेने के लिए किसी कैंडिडेट को 4 स्वीकृत राष्ट्रीय चुनावों में कम से कम 15% समर्थन हासिल करना होता है। इसके साथ ही इलेक्टोरल कॉलेज में 270 वोट जीतने में सक्षम होने के लिए पर्याप्त राज्यों में समर्थन मिलना जरूरी होता है। रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर समेत सभी नॉन-डेमोक्रेटिक और नॉन-रिपब्लिकन नेता डिबेट में हिस्सा नहीं ले पाए। क्योंकि ये 20 जून की डेडलाइन के अंदर जरूरी योग्यता हासिल नहीं कर पाए।

 

डिबेट के क्या हैं नियम

यह बहस सीएनएन पर 90 मिनट तक लाइव हुई। इस बहस के दौरान स्टूडियो में कोई ऑडिएंस नहीं था। दोनों लीडर ने खड़े होकर ये डिबेट किया। पहले प्रेसिडेंशियल डिबेट में जर्नलिस्ट पैनल और ऑडिएंस भी होते थे, लेकिन डिस्टर्बेंस की वजह से पैनल और ऑडिएंस हटा दिए गए। डिबेट के दौरान कौन किस तरह खड़ा होगा, उसके लिए बाकायदा टॉस भी होता है। टॉस जीतने वाले कैंडिडेट को 2 में से एक ऑप्शन चुनना होता है। वहीं वो या तो डिबेट में खड़े होने के लिए अपनी पसंद की साइड चुन सकता है या क्लोजिंग रिमार्क्स दे सकता है।

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