गोवा/Global Hindu Rashtra Convention: जिस प्रकार मुसलमानों की धार्मिक संपत्तियों और भूमि की सुरक्षा के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड की स्थापना कर उसे विशेष कानूनी अधिकार दिए हैं, उसी प्रकार देशभर के हिंदुओं के लाखों मंदिरों, उनकी भूमि और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए वक्फ बोर्ड की तर्ज पर मंदिरों के लिए सर्वाधिकार वाला ‘हिंदू मंदिर बोर्ड’ स्थापित किया जाए।
इसके अलावा केवल हिंदुओं के मंदिरों का अधिग्रहण करने वाला वर्ष 1951 का ‘रिलिजीयस एंडोमेंट एक्ट’ रद्द किया जाए और सरकारीकरण किए गए देश भर के सभी हिंदू मंदिरों को तत्काल सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर भक्तों के नियंत्रण में दिया जाए।
यह मांग ‘काशी के ज्ञानवापी, मथुरा के श्रीकृष्णभूमि’ आदि प्रमुख हिंदू मंदिरों के मुकदमे लड़ने वाले ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता तथा सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने ‘मंदिर संस्कृति परिषद’ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को उठाई।
वे फोंडा, गोवा में ‘वैश्विक हिंदू राष्ट्र अधिवेशन’ के अवसर पर श्री विद्याधिराज सभागृह में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। इस अवसर पर मंदिरों के आर्थिक प्रबंधन के विशेषज्ञ तथा मुंबई के ‘समस्त महाजन संघ’ के अध्यक्ष गिरीश शाह, ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के राज्य समन्वयक सुनील घनवट, ‘गोमंतक मंदिर महासंघ’ के राज्य सचिव जयेश थळी और उत्तर प्रदेश के पवन चिंतन धारा आश्रम के पूजनीय पवन सिन्हा गुरुजी उपस्थित थे।
Global Hindu Rashtra Convention: ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ से जुड़ चुके 14 हजार मंदिर
इस अवसर पर ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के सुनील घनवट ने कहा कि इस हिंदू अधिवेशन के माध्यम से ‘मंदिर संस्कृति रक्षा अभियान’ की शुरुआत हुई थी। इसमें अब देश भर के लगभग 14,000 मंदिरों का संगठन हुआ है। इस अधिवेशन में देश भर के 275 से अधिक मंदिरों के ट्रस्टी, पुजारी शामिल हुए हैं। इसके साथ ही देश भर में 710 मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू की गई है। इस अभियान को और व्यापक बनाते हुए मंदिरों में वस्त्र संहिता के साथ हम देश भर में ‘मंदिर मांस-मुक्त’ अभियान चलाएंगे।
महाराष्ट्र के श्री शनिशिंगणापुर मंदिर की 19 एकड़, बीड के श्री कंकालेश्वर मंदिर की 12.5 एकड़, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली गांव के 1500 वर्ष पुराने श्रीचंद्रशेखर स्वामी मंदिर सहित लगभग 1200 एकड़ भूमि पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है। इस प्रकार कई जगह मंदिर की भूमि वक्फ ने कब्जा करने का प्रयास किया है। जिन मंदिरों की भूमि वक्फ बोर्ड ने कब्जाई है, वह भूमि फिर से उन मंदिरों को तत्काल हस्तांतरित करने का आदेश सरकार ने देना चाहिए।
Global Hindu Rashtra Convention: मॉडल रेंट तय किया जाए
इसके अलावा, महाराष्ट्र में जिस प्रकार ‘वक्फ बोर्ड’ के अंतर्गत आने वाली भूमि के लिए पुराना किराया समझौता रद्द कर नया ‘मॉडल रेंट’ लागू किया गया है, जिससे आज वक्फ को किराए के तौर पर हर महीने लाखों रुपये की आय हो रही है। उसी प्रकार देश भर में जिन मंदिरों की भूमि का उपयोग सरकारी और निजी कार्यों के लिए हो रहा है, वहां भी ‘मॉडल रेंट’ तत्काल लागू किया जाए।
इसके साथ ही पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आने वाले घारापुरी (मुंबई) के शिवमंदिर और संभाजीनगर के देवगिरी किले के श्री भारतमाता मंदिर में पूजा-अर्चना बंद की गई है। वहां हिंदुओं के देवता होने के कारण वहां हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जाए। इन मांगों को न मानने पर हम सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे, ऐसा सरकार को चेतावनी दे रहे हैं।
Global Hindu Rashtra Convention: मंदिर के 100 मीटर की परिधि में शराब दुकान नहीं हो
‘गोमंतक मंदिर महासंघ’ के राज्य सचिव जयेश थळी ने कहा कि सरकार ने भले ही स्पष्टीकरण दिया हो, लेकिन सरकार के आदेश में धार्मिक स्थलों और स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में नए शराब की दुकानों को अनुमति देने का निर्णय स्पष्ट रूप से दिया गया है। इसलिए इसका गोमंतक मंदिर महासंघ विरोध करता है। सरकार ने कहा है कि पर्यटन की दृष्टि से अपवादस्वरूप यह निर्णय लिया गया है, लेकिन इससे धार्मिक पर्यटकों की भावनाएं आहत हो रही हैं।
कल अगर हम 200 प्रतिशत सुधारित शुल्क भरकर जामा मस्जिद या ओल्ड गोवा चर्च के पास शराब की दुकान खोलने की मांग करें, तो क्या सरकार पर्यटन की दृष्टि से विचार करके अनुमति देगी। इसका उत्तर सरकार को देना चाहिए। पंजाब को आज नशे के कारण ‘उड़ता पंजाब’ कहा जाता है, क्या गोवा को ‘उड़ता गोवा’ बनाना है। इसलिए हमारी मांग है कि सरकार इस कानून को रद्द करे।
Global Hindu Rashtra Convention: दस प्रतिशत आय ही मंदिर प्रबंधन पर खर्च हो
इस अवसर पर ‘मंदिर के आर्थिक सुव्यवस्थापन’ के बारे में बोलते हुए विशेषज्ञ गिरीश शाह ने कहा कि मंदिरों की कुल आर्थिक आय का केवल 10 प्रतिशत निधि पूजा-अर्चना और प्रबंधन के लिए रखा जाए, जबकि शेष निधि का उपयोग मंदिर के जीर्णोद्धार, सुविधाएं, छोटे मंदिरों को आर्थिक सहायता और समाज की दृष्टि से किया जाना चाहिए। इसके साथ ही मंदिर का आर्थिक सुप्रबंधन, सुव्यवस्था और संरक्षण की दृष्टि से विभिन्न मंदिरों को मार्गदर्शन किया जाएगा।
Global Hindu Rashtra Convention: सरकार मंदिरों का अधिग्रहण न करे
उत्तर प्रदेश के पवन चिंतन धारा आश्रम के पूजनीय पवन सिन्हा गुरुजी ने कहा कि देश की सरकार सेक्युलर होते हुए केवल हिंदू मंदिरों का अधिग्रहण करना उचित नहीं है। इसलिए हमारी मांग है कि सरकार सभी मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करे। इसके लिए हमने मंदिर संस्कृति परिषद का आयोजन किया है।