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kolhan University: स्नातक पहले सेमेस्ट में 45 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी फेल, हिंदी का रिजल्ट सबसे खराब

by Rakesh Pandey
K.U. Appointed University Representatives
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जमशेदपुर: kolhan University: स्नातक (सत्र 2023-27) के पहले सेमेस्टर की परीक्षा का परिणाम काेल्हान विश्वविद्यालय की ओर से जारी कर दिया गया है। स्टूडेंट्स केयू की वेबसाइट पर जाकर रिजल्ट देख सकते हैं। हालांकि इस बार परिणाम बेहद खराब रहा है। 45 प्रतिशत से अधिक स्टूडेंट्स फेल (प्रमाेटेड) हुए हैं।

कई काॅलेजाें में अलग-अलग विषयाें में फेल स्टूडेंट्स की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। घाटशिला काॅलेज में कमेस्ट्री के सभी ताे इकाेनाॅमिक्स के 70 प्रतिशत, बहरागाेड़ा डिग्री काॅलेज में इतिहासर के 50 प्रतिशत, मुंडारी के 80 प्रतिशत, पॉलिटिकल साइंस के 60 प्रतिशत स्टूडेंट्स तो ग्रेजुएट काॅलेज में अंग्रेजी के 50, कंप्यूट साइंस में 60 प्रतिशत, जबकि काेअाॅपरेटिव काॅलेज में इकाेनाॅमिक्स में 66 ताे पाॅलिटिकल साइंस में 60 प्रतिशत स्टूडेंट्स फेल हुए हैं। वहीं फिजिक्स में 90 ताे केमेस्ट्री में 80 प्रतिशत विद्यार्थी फेल हुए हैं। जमशेदपुर के लगभग काॅलेजाें का रिजल्ट खराब रहा है। कुछ विषयाें काे छाेड़ दें ताे अधितर पर 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी फेल हुए हैं। स्नातक के रिजल्ट की बात करें ताे यह पिछले पांच साल का सबसे खराब रिजल्ट है। इस परीक्षा में करीब 24 हजार स्टूडेंट्स शामिल हुए थे।

kolhan University: हिंदी में सबसे खराब रिजल्ट

स्नातक पहले सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम काे विषयवार दें ताे सबसे खराब रिजल्ट हिंदी का रहा है। खासकर उन विषयाें में जिसमें छात्राें की संख्या अधिक है। केयू के अधिकतर काॅलेजाें में हिंदी विषय में 55 प्रतिशत से अधिक बच्चे फेल हुए हैं। एबीएम काॅलेज की बात करें ताे यहां के 60 प्रतिशत से अधिक बच्चे हिंदी में फेल हुए हैं। जबकि टाटा काॅलेज चाईबासा में करीब 65 प्रतिशत वहीं एलबीएसएम काॅलेज में 52 प्रतिशत से अधिक ताे केएस काॅलेज सरायकेला में 75 प्रतिशत बच्चे हिंदी में फेल हुए हैं। सबसे बेहतर रिजल्ट बिजनेश अाॅर्गनाइजेशन एंड मैनेजमेंट का रहा है। जिसमें सबसे अधिक छात्र हाेने के बाद भी अधिकतर काॅलेजाें का रिजल्ट 60 प्रतिशत से अधिक है।

kolhan University:देरी से जारी हुअ परिणाम

स्नातक पहले सेमेस्टर के परीक्षा परणाम की बात करें ताे यह करीब आठ महीने की देरी से जारी हुआ है। अगर सत्र समय पर संचालित हाेता ताे इस परीक्षा का परणाम जनवरी में जारी हाे जाना चाहिए था। लेकिन इसे अगस्त में जारी किया गया है। लेकिन विवि की लापरवाही की वजह से छह महीने का सेमेस्टर क्लीयर करने में ही छात्राें काे 14 महीने का समय लग गया है।

 जैसा उत्तर दिया उसके अनुरूप ही अंक मिला: परीक्षा नियंत्रक

स्नातक पहले सेमेस्टर के खराब रिजल्ट पर काेल्हान विवि का कहना है के परीक्षा नियंत्रक डाॅ अजय कुमार चाैधरी का कहना है कि स्टूडेंट्स ने प्रश्नाें का जैसा जवाब लिखा है, उसके अनुरूप उन्हें अंक दिया है। यह जरूर है कि कुछ काॅलेजाें में अलग-अलग विषयाें के आंतरिक मूल्यांकन के अंक अपलाेड नहीं किए गए हैं। हालांकि यह संख्या कम है। उन्हाेंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत सिलेबस में बदलाव हुआ है। इसका असर पर रिजल्ट पर देखने काे मिल रहा है।

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