नई दिल्ली : Reliance-Disney Merger : रिलायंस और डिज्नी के मर्जर को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा मंजरी मिल गई है। दोनों कंपनी मिलकर एक 120 चैनल वाली कंपनी बन जाएगी, जो देश की सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट कंपनी बन जाएगी। सोनी जैसी बड़ी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा देने के लिए यह कंपनी सक्षम होगी।
Reliance-Disney Merger: देश की सबसे बड़ी कंपनी बनने की ओर अग्रसर
भारतीय बाजार की बढ़ती प्रतिस्पर्धा एवं प्रतिद्वंद्विता को देखते हुए, रिलायंस वायकॉम 18 एवं वॉल्ट डिज्नी दोनों कंपनी का आपस में विलय होने जा रहा है। दोनों कंपनियों के एकीकृत होने से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से दोनों को ही अपने बिजनेस को और भी उच्च स्तर पर ले जाने में सहायता मिलेगी। रिलायंस और डिज्नी के मर्ज होने से, मनोरंजन के क्षेत्र में यह भारत की सबसे बड़ी कंपनी के रूप में उभरकर सामने आएगी।
Reliance-Disney Merger: विलय में क्या आ रही थी बाधा
रिलायंस और वाल्ट डिज्नी के विलय करने में जो सबसे बड़ी बाधा आ रही थी, वह थी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की मंजूरी ना मिलना। दोनों कंपनी के विलय पर 6 महीने से ही विचार- विमर्श चल रहा था। CCI इस बात से सशंकित थी कि यदि इन दोनों बड़ी कंपनियों का आपस में विलय होता है, तो स्पोर्ट्स चैनल के विज्ञापनदाताओं को इससे समस्या आ सकती है। अंततः दोनों कंपनीयों के यह आश्वासन दिलाने के बाद कि कंपनी भविष्य में मनमाने तरीके से अपने विज्ञापनों के दाम नहीं बढ़ाएंगी, तब जाकर इस विलय को मंजूरी दी गई।
Reliance-Disney Merger: इतने होंगे ओटीटी और चैनल्स
वॉल्ट डिज्नी और रिलायंस वायकॉम 18 दोनों कंपनी को मिलाकर अब कंपनी के पास कुल 120 चैनल होंगे। जिनमें 80 चैनल डिज्नी के और 40 रिलायंस के होंगे। यदि ओटीटी प्लेटफॉर्म की बात की जाए तो वॉल्ट डिज्नी के पास disney+ Hotstar है। वहीं रिलायंस जिओ सिनेमा का मालिक है। यह एक बड़े दर्शक वर्ग को एक ही प्लेटफार्म पर लाने में सहायक होगा। अन्य कंपनियों के लिए यह एक कड़ी प्रतिस्पर्धा वाली कंपनी बनकर उभरेगी।
Reliance-Disney Merger: दोनों कंपनी के प्रमुख ने जताया भरोसा
रिलायंस और डिज्नी के मर्जर होने पर दोनों कंपनियों के मालिक इस बात से आशान्वित हैं कि यह कंपनी निश्चित रूप से देश की सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट कंपनी होगी। बाजार की प्रतिस्पर्धा के दृष्टिकोण से भी यह कंपनी एक अच्छे मुनाफे का सौदा साबित होगी। दोनों कंपनियों के पास विज्ञापन क्षेत्र में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी।