नई दिल्ली : पितृपक्ष का समय बेहद अहम माना गया है। इस साल यह दिन 18 सितंबर इसकी शुरुआत हो चुका है। वहीं, इसका समापन दिन 2 अक्टूबर को होगा। इस अवधि को पितृपक्ष व श्राद्ध के रूप में जाना जाता है। यह पूरी तरह से पूर्वजों को समर्पित है। हिंदू धर्म के अनुसार , इस दौरान लोग अपने पूर्वजों का तर्पण व पिंडदान करते हैं, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन के कष्टों का नाश होता है।
वहीं, कुछ लोग इस दौरान अपने घरों में पूर्वजों की तस्वीर लगाते हैं, लेकिन दिशा के साथ-साथ कई सारी ऐसी बातें अनदेखा कर देते हैं, जिससे उनके पितृ रुष्ट हो जाते हैं। तो आइए पितरों की तस्वीर लगाते समय किन बातों का रखा जाता है ध्यान ।
पितरों की तस्वीर कहां लगाए
वास्तु के अनुसार, घर के बेडरूम, सीढ़ियों और रसोई घर के स्थान पर पितरों की तस्वीरें नहीं लगाना चाहिए। माना जाता है कि इससे घर में क्लेश होता है। घर के बीचों-बीच पितरों की तस्वीर लगाने से मान सम्मान को हानि पहुंचती हैं। इससे पितृ दोष भी लगता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, पितरों की तस्वीर लगाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इनकी पूजा भी हमेशा दक्षिण और पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। घर के जीवित लोगों के साथ पितरों की तस्वीर लगाना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि जिस जीवित व्यक्ति के साथ पितरों की तस्वीर लगी होती है, उनके जीवन पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, पितरों की तस्वीर कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं लगानी चाहिए जहां आपकी नजरें बार-बार पड़ती हों। माना जाता है कि इससे आपको मानसिक परेशानी पैदा हो सकती है। घर में पितरों की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए। इस दिशा को यमराज के साथ पितरों की भी दिशा माना जाता है। घर में पूर्वज की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है। इससे पूर्वज प्रशन्न होते हैं और अगर पूर्वज प्रसन्न हो गए, तो घर में कभी भी कष्ट, आर्थिक तंगी,पारिवारिक कलह नहीं होगी। जब भी पूर्वज की तस्वीर लगाए तो घर के दक्षिण दिशा में और बैठकी रूम में यानी हॉल में लगाएं। इससे शुभ प्रभाव पड़ता है।
पितृ पक्ष में इन 4 जगहों पर जरूर जलाएं दीपक, तरक्की चूमेगी कदम
– रोजाना बहुत से लोग पितरों की पूजा करते हैं, लेकिन हम घर में किसी न किसी स्थान पर पितरों की तस्वीर अवश्य लगाते हैं. साल भर यह तस्वीर वहीं लटकी रहती है, लेकिन पितृ पक्ष के दौरान आपको पितरों की तस्वीर की सफाई अवश्य करनी चाहिए। साथ ही जिस स्थान पर तस्वीर है उसी के नीचे या उसके पास दीपक जलाना चाहिए।
– पीपल का पेड़ के नीचे भी दीपक जलाना चाहिए। इस पेड़ पर हमारे पितृ और देवता भी करते हैं। खासकर पितृपक्ष के दौरान जब पूर्वज धरती पर पधारते हैं तो पीपल के पेड़ में इनका निवास माना जाता है। ऐसे में अगर आप पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं, तो पितरों की कृपा आप पर बरसती है।
-आज के समय मे बहुत से लोग अपने घर के मुख्य दुवार पर दीपक लगाते हैं। पितृपक्ष के दौरान घर के मुख्य द्वार से ही पितृ घर में प्रवेश करते हैं, इसलिए पितृपक्ष के दौरान घर के मुख्य द्वार पर दीपक अवश्य जलाएं।
-दक्षिण दिशा में को शास्त्रों के अनुसार यम की दिशा भी मानी जाती है, इसलिए इस दिशा में दीपक जलाकर पूर्वजों की आत्मा तृप्त होती है। मुखी दीपक दक्षिण दिशा में जलाने पर आपको पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।
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