अयोध्या : प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है। शारदीय नवरात्र के अवसर पर राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर का निर्माण कार्य विधिपूर्वक शुरू किया गया है। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि यह कार्य अगले चार महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
शिखर निर्माण के लिए लगभग 60,000 घन फीट पत्थरों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक में कार्य की प्रगति की समीक्षा की जा रही है। पहले दिन के निरीक्षण के बाद, दूसरे दिन से शिखर निर्माण का कार्य शुरू किया गया।

कार्य की प्रगति
नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि शिखर का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसमें मंदिर के अन्य सभी हिस्सों पर भी कार्य जारी है। विभिन्न जिम्मेदारियों का वितरण किया गया है, ताकि कार्य समय पर पूरा हो सके। सप्तऋषियों के मंदिर का कार्य भी तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि आने वाले चार महीने में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा।
इस दौरान यह भी चर्चा की गई कि श्रमिकों की संख्या बढ़ाने और तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता कैसे प्राप्त की जा सकती है। राजस्थान में मूर्तियों के निर्माण के लिए विभिन्न कारीगरों को जिम्मेदारी दी गई है, जबकि ओडिशा के कारीगर भी इस कार्य में शामिल हैं।
नागर शैली में भव्यता
राम मंदिर नागर शैली में निर्मित हो रहा है और शिखर का डिज़ाइन सोमपुरा आर्किटेक्ट्स ने तैयार किया है। शिखर पर धर्म ध्वज भी स्थापित किया जाएगा। यह इस निर्माण को और अधिक भव्य बनाएगा। निर्माण शुरू होने के समय सभी संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधि वहां मौजूद थे, जिससे कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक बनेगा। इस भव्य कार्य की गति को बनाए रखने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।