सेंट्रल डेस्क। स्विट्जरलैंड की एक कंपनी ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भेजा है। इस में 1.58 करोड़ के बिल का भुगतान न करने के संबंध में कानूनी नोटिस जारी की गई है। इस बिल का संबंध महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उनके कुछ मंत्रियों के स्विटजरलैंड दौरे का है।
जनवरी 2024 में सीएम शिंदे दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में शामिल होने स्विट्जरलैंड गए थे। इस दौरे पर उनके साथ महाराष्ट्र डेलीगेशन की एक टीम भी गई थी। जिनका काम राज्य में निवेश को बढ़ावा देना है। दावोस प्रवास के दौरान इनके अतिथि सत्कार का जिम्मा SKAAH GmbH नाम की एक कंपनी को दी गई। इस कंपनी द्वारा इनके रहने एवं खाने-पीने की व्यवस्था की गई। लेकिन लौटने के बाद इन्होंने बिल का भुगतान नहीं किया।
MIDC ने 1.58 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया
अब कंपनी ने 28 अगस्त को इस मामले से अवगत कराने के लिए महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC), महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विश्व आर्थिक मंच सहित अन्य को कानूनी नोटिस भेजा। कंपनी का आरोप है कि सरकारी कंपनी MIDC ने 1.58 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। हांलाकि कंपनी ने विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन के दौरान (15 से 19 जनवरी) ही उपलब्ध कराई गई सेवाओं का बिल जमा कर दिया था।
मुझे ऐसी किसी भी नोटिस की जानकारी नहीं- पी वेलरासु, CEO
कंपनी ने बताया कि कुल बिल 5.33 करोड़ हुआ था, जिसमें से 3.75 करोड़ रुपए चुका दिए गए जब कि 1.58 करोड़ रुपए का राशि बकाया है। हांलाकि जब मीडिया ने इस मामले में MICD के CEO पी वेलरासु से संपर्क किया, तो उन्होंने ऐसा कोई भी नोटिस मिलने से साफ इंकार कर दिया। उनका कहना है कि मुझे ऐसी किसी भी नोटिस की जानकारी नहीं है। लेकिन MICD वाउचर की जांच करेगा और आवश्यक कार्रवाई केरगा।
दूसरी ओर मामले में राजनीति शुरु हो गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार ने इस दौरे पर जरुरत से अधिक खर्च कर दिए है। एनसीपी के विधायक रोहित पवार ने X पर लिखा कि इस घटना से विश्व आर्थिक मंच पर राज्य की छवि खराब हुई है और निवेशकों को भी बुरा संदेश दिया है।
इस मामले में राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि यात्रा का आयोजन करने वाली कंपनी MICD ने दावा किया है कि इस दौरे पर कोई भी अतिरिक्त खर्च नहीं किया गया।
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